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जंगली in all dictionaries
486 results
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1)
अकृष्टपच्य akṛṣṭapacya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 72)
अकृष्टपच्य akṛṣṭapacya वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ अकृष्टपच्या] विना जोती हुई भूमि में पैदा होने ओर पक जानेवाला । जो बिना जोते पैदा हो । उ॰—फसलें दो प्रकार की थी, कृष्टपच्य जो खोती से उत्पन्न हों, अकृष्टपच्य जैसे नीवार आदि जंगली धान्य ।—पाणिनि॰, पृ॰ २०५
3)
अग्निसहाय agnisahāya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 103)
अग्निसहाय agnisahāya संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. जंगली कबुतर (क्योंकि उसके मांस से जठाराग्नि तीब्र होती है) । २. वायु । हवा । ३. धुआँ [को॰] ।
8)
अमरा amarā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 289)
...सेंहुड । थूहर । ४.नीली कोयल । बड़ा नील का पेड़ । ५.चमड़े की झिल्ली जिसमें गर्भ का बच्चा लिपटा है । आँवर । जटायु । ६.नाभि का नाल जो नवजात बच्चे को लगा रहता है । ७.इंद्रायण । ८.बरियारा । बरगद की एक छोटी जंगली जाति । ९.घीकुआर । १०.इंद्रपुरी ।
9)
अमरूत amarūta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 289)
...है । मदक पीनेवाले इसकी पत्ती को अफीम में मिलाकर मदक बनाते हैं । किसी किसी का मत है कि यह पेड़ अमरीका से आया है । पर भारतवर्ष में कई स्थानों पर यह जंगली होता है । इलाहाबाद और काशी का यह फल प्रसिद्ध है । पर्या॰—(मद्धभारत; मध्यप्रदेश तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश) जाम । बिही । सपड़ी । (राजस्थान) जायफल । (बंगाल...
15)
अरुआ aruā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 314)
अरुआ aruā संज्ञा पुं॰ [सं॰ आलु] एक प्रकार का बहुत बड़ा जंगली वृक्ष । विशेष—यह बंगाल, मध्यभारत तथा दक्षिण भारत में प्रायः जंगली दशा में पाया जाता है । तथा उत्तरप्रदेश में लगाया जाता है । इसमें...
16)
अर्रा arrā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 325)
अर्रा arrā संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. जंगली पेड़ जो अर्जुन वृक्ष से मिलता जुलता होता है । इसकी लकड़ी बड़ी मजबूत होती है और छत पाटने के काम आती है । २. अरहर ।
18)
अष्टपाद aṣṭapāda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 369)
१. शरभ । शार्दूल । २. लूता । मकड़ी । ३. आठ अंगोंवाला एक जंतु । ४. अर्गला । सिटकिनी [को॰] । ५. कैलास पर्वत [को॰] । ६. सोना । स्वर्ण । ७. कपड़े की बनी बिसात [को॰] । ८. एक कीट [को॰] । ९. जंगली चमेली [को॰] ।
19)
आकुल ākula
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 413)
...उ॰—भारत अब भी आकुल विपत्ति के घेरे में ।— दिल्ली॰, पृ॰ २१ । २. व्यस्त । बिखरा हुआ । जैसे,—केश । ३. उद्विग्न । क्षुब्ध । ४. विह्वल । कातर । ५. अस्वस्थ । ६. व्याप्त । संकुल । ७. तारतम्यहीन । जिसका कोई ठीक सिल- सिला न हो [को॰] । ८. जंगली । ऊबड़ खाबड [को॰] ।
22)
आम āma
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 457)
विशेष—यह वृक्ष उत्तर पश्चिम प्रांत को छोड़ और सारे भारत वर्ष में होता है । हिमालय पर भूटान से कुमाऊँ तक इसके जंगली पेड़ मिलते है । इसकी पत्तियाँ लंबी गहरे हरे रंग की होती है । फागु के महीने में इसके पेड़ मंजरियों या मौरों से लद जाते है, जिनकी मीठी गंध से दिशाएँ मर जाती...
24)
आरण्य āraṇya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 464)
...बिना बोए उत्पन्न होनेवाला एक अन्न [को॰] । यौ॰.—आरण्यकांड=रामायण का तृतीय कांड । आरण्य कुक्कुट =बनमुर्गा । आरण्य गान=सामवाद के चार गानों में एक आरण्यपर्व=महाभारत का एक पर्व । आरण्यपशु=जंगली पशु । आरण्यमुग्दा=एक प्रकार का मूंग [को॰] । आरण्य राशि=(
26)
आशय āśaya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 481)
. गड्ढा । खाता । ५. कटहल । पनश । ६. अभ्युदय । उन्नति [को॰] । ७. धन । संपत्ति (को॰) । ८. कंजूस । कृपण [को॰] । ९. अन्नागार । बखार (को॰) । १० भाग्य । लिखन [को॰] । ११. विश्रामस्थान (को॰) । १२. घर । गृह । (को॰) । १३. जंगली । जानवरों को फँसाने का गड्ढा । अवट [को॰] ।
29)
उजड्ड ujaḍḍa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 548)
उजड्ड ujaḍḍa वि॰ [सं॰ उत् (= बहुत) + जड (= मूर्ख)] १. वज्र मूर्ख । अशिष्ट । असभ्य । जंगली । गवाँर । १. उद्दड़ । निरंकुश । जिसे बुरा काम करने में कुछ आगा पीछा न हो ।
33)
ओरंगोटंग ōraṅgōṭaṅga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 702)
ओरंगोटंग ōraṅgōṭaṅga संज्ञा पुं॰ [मला॰ ओरांग ऊतान = जंगली मनुष्य, मरा॰ औरांगोटा = कपि आकृति का मनुष्य] सुमात्रा और बोनिंयो आदि द्वीपों में रहनेवाला एक बंदर या बनमानुष । विशेष—यह लगभग चार फुट ऊँचा...
36)
कटुभंगा kaṭubhaṅgā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 752)
कटुभंगा kaṭubhaṅgā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कटुभङ्गा] एक प्रकार की जंगली भाँग जिसकी पत्तियाँ खाने में बहुत कड़वीं होती हैं [को॰] ।
38)
कठ kaṭha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 753)
...एक पुराना बाजा जो कांठ का बनता था औऱ चमड़े से मढ़ा जाता था । ३. (केवल समस्त पदों फल आदि के लिये) जंगली । निकृष्ट जाति का । जैसे, कठकेला, कठजामुन, कठमूर ।
40)
कठघरा kaṭhagharā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 754)
...बड़ा पिंजड़ा जिसमें जंगली जानवर रखा जा सके । दे॰ 'कटघरा' । उ॰—जब जिम कठघरे से नीचे उतरे तो मुंशी जी आँखों में आँसू भरे उनके पास आए ।—काया॰, पृ॰ २१५ ।
41)
कठूमर kaṭhūmara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 756)
कठूमर kaṭhūmara संज्ञा पुं॰ [सं॰ काष्ठ, उदुम्बर, हिं॰, कठ+ ऊमर] जंगली गूलर जिसके फल बहुत छोटे छोटे और फीके होते हैं ।
43)
कबीला kabīlā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 790)
संज्ञा पुं॰ [अ॰ कबीलह्] १. कुल या वंश । २. जाति । ३. घर । ४. स्वजन । परिवार । ५. वर्गश्रेणी । ६. जंगली या असभ्य जनजातियों का छोटा बड़ा समूह जिसका कोई एक नायक या सरदार होता है ।
44)
कबूतर kabūtara
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 89)
कबूतर kabūtara kabūtar mc pigeon [पालतू domestic/pet, जंगली wild, सफ़ेद white]; ~ उड़ते (लोटते, गुटरगूँ करते) हैं —s fly (flounce/roll about, coo); ~ उड़ाना to make the —s fly. [fem. कबूतरी...
45)
कमंद kamanda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 792)
कमंद २ kamanda संज्ञा स्त्री॰ [फा॰] १.रेशम, सूत या चमड़े की फंदेदार रस्सी जिसे फेंककर जंगली पशु आदि फँसाएँ जाते हैं । लड़ाई में इससे शत्रु भी बाँधे और खींचे जाते थे । फंदा । पाश । २. फंदेदार...
46)
करंज karañja
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 803)
...एक छोटा जंगली पेड़ जिसकी पत्तियाँ सीसम की सी पर कुछ बड़ी होती हैं । इसकी डाल बहुत लचीली होती है । इसकी टहनियों की लोग दातून करते है । ३. एक प्रकार की आतिशबाजी ।
47)
करण karaṇa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 807)
...आसाम, बरमा और स्याम की एक जंगली जाति ।१५. वह संख्या जिसका पूरा पूरा वर्गमूल निकल सके । करणीगत संख्या ।१६. देह (को॰) । १७. क्षेत्र (को॰) ।१८. लिखित या लेख प्रमाण (को॰) ।१९. परमात्मा (को॰) ।२०. एक रतिबंध (को॰) ।२१. धार्मिक कृत्य (को॰) ।२२. कारण । उद्देश्य (को॰) ।२३...
49)
करर karara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 813)
...एक प्रकार का जंगली कुसुम वा बरें का पौधा । विशेष— यह उत्तरपश्चिम में पंजाब, पेशावर, आदि सूखे स्थानों में बहुत होता है । जहाँ यह अधिक होता है वहाँ इसके बीज का तेल निकाला जाता है जो पोली का तेल कहलाता है । अफरीदियों का मोमजामा इसी तेल से बनाया जाता है । इसमें फूल बहुत अधिकता से...
51)
करीष karīṣa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 821)
करीष karīṣa संज्ञा पुं॰ [सं॰] सूखा गोबर जो जंगलीं में मिलता है और जलाने के काम आता है । बनकंड़ा । अरना कंडा । जंगली कंड़ा । बन उपल । उ॰—कछु है अब तो कह लाज हिये । कहि कोन विचार हथ्यार लिये । अब जाइ करीष की आगि जरो । गरु बाँधि...
52)
करेला karēlā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 823)
...में भी आता है । दूसरा बरसाती जो बरसात में बोया जाता है, झाड़पर चढ़ता है और सालों फूलता फलता है । इसका फल कुछ कुछ पतला और ठोस होता है । कहीं कहीं जंगली करेला भी मिलता है जिसके फल बहुत छोटे और कड़ुए होते हैं । इसे करेली कहते हैं । २. माला या हुमेल की लंबी गुरिया जो बड़े दानों या कोंढ़ेदार...
55)
कलंगो kalaṅgō
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 835)
कलंगो kalaṅgō संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] दे॰ पहाड़ों में होनेवाली जंगली भाँग का वह पौधा जिसमें बीज लगते हैं । फुलंगों का उलटा ।
56)
कसी kasī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 869)
विशेष—वैदिक काल में यज्ञों में इसके चरु का प्रयोग होता था । इस समय इसकी खेती भी होती थी । यद्यपि आजकल मध्य प्रदेश, सिक्किम, आसाम और बरमा की जंगली जातियों के अतिरिक्त इसकी खेती कोई नहीं करता, फिर भी यह समस्त भारत, चीन, जापान, बरमा, मलाया, आदि देशों में वन्य अवस्था में मिलती है । इसकी कई जातियाँ है, पर रंग के...
57)
काँटाबाँस kām̐ṭābām̐sa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 883)
काँटाबाँस kām̐ṭābām̐sa संज्ञा पुं॰ [हिं॰ काँटा +बाँस] एक प्रकार का कँटीला बाँस । मगरबांस । नालबाँस । कटबाँसी । विशेष — यह मध्य प्रदेश, पूर्वी बंगाल और आसाम को छोडकर प्रायः शेष सारे भारत में जंगली रूप में...
58)
कानन kānana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 900)
...ब्रह्मा का मुख (को॰) । यौ॰—काननग्नि = दावानल । जंगली आग जो डालों आदि की रगड़ से लग जाती है । काननौका = (१) जंगलवासी । (२) बंदर ।
60)
काबिलितर्क kābilitarka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 905)
काबिलितर्क kābilitarka वि॰ [अ॰ काबिस+ हिं॰ तर्क] तर्क करने योग्य । बहस करने योग्य । जिसपर वहस या विवाद किया जाय । उ॰—हम कुछ हैवान और जंगली नहीं कि हमारी सब चाल और तरीके काबिलितर्क हों । —प्रेमघन॰ भा॰ २, पृ॰ ९१...
61)
काहू kāhū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 940)
काहू २ kāhū संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] गोभी की तरह का एक पौधा जिसकी पत्तियाँ लंबी, दलदार और मुलायम होती हैं । विशेष—हिंदुस्तान में यह केवल बगीचों में बोया जाता है, जंगली नहीं मिलता । अरब और रूम...
62)
किरात kirāta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 949)
...एक प्राचीन जंगली जाति । उ॰—मिलहिं किरात, कोल बनवासी । वैषानस, बटु, गृही उदासी ।—तुलसी (शब्द॰) । २. एक देश का प्राचीन नाम ।—बृहत्संहिता, पृ॰ ८५ । विशेष—यह हिमालय के पूर्वीय भाग तथा उसके आसपास में माना जाता था । वर्तमान भूटान, सिकिम, मनीपुर, आदि इसी देश के अंतर्गत माने जाते थे । ३...
64)
किलवाँक kilavām̐ka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 953)
किलवाँक kilavām̐ka संज्ञा पुं॰ [देश॰] काबुल देश का एक प्रकार का घोड़ा । उ॰— काबिल के किलवाँक कच्छ दच्छी दरियाई । उम्मट के ह्वबसान जंगली जाति अलाई । सूदन (शब्द॰) ।
65)
कुंदी kundī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 968)
...अकाल के दिनों में इसकी छाल आटे की एरह पीसकर खाई भी जाती है । लकड़ी से खेती के औजार छाजन की बल्लियाँ गाडियों के धुरे और बंदूक के कुंदे बनाए जाते हैं । यह पानी में जल्दी सड़ता नहीं । जंगली सूअर इसकी छाल बहुत मजे में खाते हैं, इसलिये शिकारी लोग उनका शिकार करने के लिये प्रायः इसका उपयोग करते हैं ।
66)
कुंभकार kumbhakāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 969)
...से हुई है । जातिमाला में इसे पटआ (पटिका) पिता और गोप माता से उत्पन्न माना है । उशना ने चोरी से वेश्यागमन करनेवाले विप्र और वेश्या की संतान माना है और पाराशर ने मालाकार और कर्मकरी के योग से इसकी उत्पत्ति मानी है । २. मुर्गा । कुक्कुट । ३. साँप (को॰) । ४. जंगली पक्षी (को॰) ।
68)
कुई kuī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 973)
कुई kuī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली मनुष्य जाति । उ॰—महाराष्ट्र, उड़ीसा और चोदि, कोशल के सीमांत जंगलों में रहनेवाले गोंड़ तथा कुई लोगों की बोलियों के साथ सीधा और स्पष्ट नाता है । — भारत॰ नि॰, पृ॰ २३९ ।
69)
कुरसा kurasā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 998)
...देश॰] १. एक वृक्ष जो बहुत शीघ्र बढ़ता है और देखने में बहुत अच्छा मालूम होता है । इसकी लकड़ी लाल रंग की और मजबूत होती है और मकान तथा पुल के बनाने को काम आती है । यह कुमायूँ, नीलगिरि अवध, बंगाल, आसाम और मद्रास में होता है । २. जंगली गोभी ।
70)
कुरैया kuraiyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1001)
कुरैया kuraiyā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कुटज] एक वृक्ष जो जंगली में होता है और जिसकी पत्तियाँ लंबी और लहरदार होती हैं । इसमें लंबे और सुगंधित फूल लगते हैं जो सफेद, लाल, पीले पौर काले या नीले रंग के होते हैं ।  ...
71)
कुलजा kulajā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1003)
कुलजा १ kulajā संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली भेड़ जो पामीर और गिलगित्त में होती है । यह डीलडौल में बड़ी होती है । कुचकार ।
72)
कुलाल kulāla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1007)
...मिट्टी के बरतन बनानेवाला । कुम्हार । उ॰—जैसे चक्र कुलाल का फिरता बहु दीसै । ठौर छाँड़ि कतहूँ न गया यह बिसवा बीसै ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ २ पृ॰ ८६४ । यौ॰—कुलाल चक्र = कुम्हार का चाक । २. जंगली मुर्गा । ३. उलूक । उल्लू ।
75)
कुसवारी kusavārī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1014)
...रेशम का जंगली काड़ा जो बेर ओर पियासाल आदि पेड़ा पर कोया बनाकर उसके अंदर रहता है । विशेष—इस कीड़े क जीवन में चार अवस्थाएँ हाती है जिन्हें युग कह कसते हे । सब के पहले यह अंड़ के रूप में रहता है । अंड़े से निकलकर यह कमला की तरह का कीड़ा हो जाता है । फिर...
76)
कुसुम kusuma
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1015)
...में बीजों या फूलों के लिये बोया जाता है । बर्रै । विशेष—यह दो प्रकार का होता बै एक जंगली और काँटेदार, और दूसरा बिना काँटे का । जंगली कुसुम की पत्तियों की नोकों पर काँटे होते हैं और उसके बीजों से तेल निकलता है । इसके फूल पीले, लाल, गुलाबी और सफेद होते हैं । दुसरी जाति में...
77)
कूकरचंदी kūkaracandī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1020)
कूकरचंदी kūkaracandī संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ कूकर + सं॰ चण्ड] एक जंगली ज़ड़ी का नाम, जीसकी पत्तियों को पीसकर कुत्ते के काटे हुए स्थान पर रखते है ।
80)
केतुमाल kētumāla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1038)
संज्ञा पुं॰ [सं॰] जंबूद्वीप के नौ खंडों से एक खंड । विशेष—ब्रह्मांड पुराण के अनुसार इसमें सात पर्वत और कई नदियाँ हैम । सिद्ध और देवर्षि प्रायः इन्हीं नदियों में स्नान करना पसद करते हैं । इस खड में प्रायः जंगली जानवर भी रहते हैं ।
81)
केहा kēhā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1044)
केहा kēhā संज्ञा पुं॰ [सं॰ केका॰ प्रा॰ केआ] १. मोर । मयूर । २. एक छोटा जंगली पक्षी जो बटेर के समान हेता हैं । उ॰— धरी परेव पांडुक टेरी । केहा कदरो उतर बगेरी ।— जायसी (शब्द॰) ।
82)
कोक kōka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1051)
...nbsp; ६. मेंढक । यौ॰— कोकाट= लोमड़ी । ७. जंगली खजूर । ८. कोयल । पिक (को॰) । ९. छिपकली या गिरगिट (को॰) । १०. कामशास्त्र । रति कला । उ॰— तरुनाइयै कोक पढ़ै सुघराई सिखावति है रसिकाई रसै । —घनानंद, पृ॰
84)
कोची kōcī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1054)
कोची kōcī संज्ञा पुं॰ [देश॰] बबूल की तरह का एक जंगली पेड़ । बनरीठा । सीकाकाई । विशेष— यह पूरब और दक्षिण भारत के जंगलों में अधिकता से होता हैं । इसकी छाल और पत्तियाँ प्रायःऔषध के काम में...
85)
कोल kōla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1066)
...लिखा है कि जब पवन, पल्लव, कोलि, सर्प आदि सगर के भय से वशिष्ठ की शरण में आए, तब उन्होंने उनका सिर आदि मुँड़ाकर उन्हें केवल संस्कारभ्रष्ट कर दिया । आजकल जो कोल नाम की एक जंगली जाति है, वह आर्यों से स्वतत्र एक आदिम जाति जान पड़ती है, और छोटा नागपुर से लेकर मिरजापुर के जंगलों तक फैली हुई है ।
89)
खजूर khajūra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1117)
...खजूर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मुख्य दो हैं—एक जंगली, दूसरा देशी । जंगली खजूर को सेंधी, खरक आदि कहते हैं । यह बहुत ऊँचा नहीं होता और हिंदुस्तान में बंगाल, बिहार, गुजरात, करमंडल आदि प्रदेशों में होता है । लगाए हुए खजूर में जड़ के पास अंकुर निकलते हैं, जंगली में नहीं । जंगली के फल भी किसी काम के नहीं होते । ताड़ की तरह...
91)
खरिया khariyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1138)
खरिया ३ khariyā संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] १. वह लकड़ी जिसकी सहायता से नाँद में चील कसकर भरते या दबाते हैं । २. एक जंगली जाति ।
92)
खाँग khām̐ga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1146)
...nbsp; २. काँटा जो तीतर, मुर्ग, आदि पक्षियोँ के पैरों में निकलता है । ३. गैंड़े के मुँह पर का सींग । ४. जंगली सूअर का बह दाँत जो मुँह के बाहर काँटे की तरह निकला होता हैं । क्रि॰ प्र॰—चलाना । मारना ।
94)
खारेजा khārējā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1156)
खारेजा khārējā संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ खारिजा] एक प्रकार का जंगली कुसुम या बर्रे । बनबर्रे । बनकुसुम । कनियारी । विशेष—यह पंजाब के मैदानों में उगता है और बर्रे की अपेक्षा अधिक कँटीला होता है । इसके दाने बहुत...
97)
गदहा gadahā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1226)
...पर बड़ी सरलता से चल सकता है । यह बहुत मजबूत होता है और बहुत अधिक बोझ उठा सकता है । इस देश में इससे प्रायः धोबी, कुम्हार आदि अधिक काम लेते हैं । जंगली गदहे, जो प्रायः मध्य एशिया और फारस आदि में झुंड बाँधकर रहते है, अधिक चपल होते हैं, पर पालतू गदहे बोदे होते हैं । किसी किसी देश के गदहे सफेद रंग के या...
99)
गनरा भाँग ganarā bhām̐ga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1228)
गनरा ganarā, भाँग bhām̐ga संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गाँडर गनरा + भाँग] जंगली भाँग जिसमें नशा बिलकुल नहीं होता । कहीं इसकी टहनियों से रेशे निकाले जाते हैं ।
101)
गारभेली gārabhēlī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1274)
गारभेली gārabhēlī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली फालसा । विशेष—इसका पेड़ बहुत छोटा होता है और यह उत्तर और पूर्व भारत तता हिमालय की तराई में चार हजार फीट की ऊँचाई तक होता है । इसकी...
102)
गारो gārō
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1275)
गारो २ gārō संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. एक पहाड़ी का नाम जो आसाम के दक्षिण पश्चिम में है । २. एक जंगली जाति जो गारो पहाड़ी में रहती है ।
104)
गीदड़ gīdaṛa
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 153)
...jackal; ~ जंगली जानवर है — is a wild animal; △ यहाँ ~ बोलते हैं it is a ruined/deserted place; ~ -भभकी mere threat, blustering. 2. coward; वह बिलकुल ~ है he is much of a coward. [syn. सियार]
107)
गुलाब gulāba
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1317)
७० अक्षांश तक भूगोल के उत्तरार्ध में होता है । भारतवर्ष में यह पौधा बहुत दिनों से लगाया जाता है और कई स्थानों में जंगली भी पाया जाता है । कश्मीर और भूटान में पीले फूल के जंगली गुलाब बहुत मिलते हैं । वन्य अवस्था में गुलाब में चार पाँच छितराई हुई पंखड़ियों की एक हरी पंक्ति होती है पर बगीचों में सेवा और यत्नपूर्वक...
109)
गेंदा gēndā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1330)
...दो ढाई हाथ ऊँचा एक पौधा जिसमें पीले रंग के फूल लगते हैं । विशेष— इसमें लंबी पतली पत्तियाँ सींके के दोनों ओर पंक्तियों में लगती हैं । यह दो प्रकार का देखने में आता है, एक जंगली या टिर्री जिसके फूल चार ही पाँच दल के होते हैं और बीच का केसरगुच्छ दिखाई पड़ता है और...
110)
गेगला gēgalā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1330)
गेगला १ gēgalā संज्ञा पुं॰ [देश॰?] मसूर की जाति का एक प्रकार का जंगली पौधा । विशेष—यह पंजाब से बंगाल तक ६००० फुट की ऊँचाई तक होता है । यह प्रायः आप...
111)
गेहूँ gēhūm̐
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1332)
...पूर्व गेहुँ बोया जाता था । मिस्त्र के एक ऐसे स्तूप में भी एक प्रकार का गेहूँ गड़ा पाया गया जो ईसा से ३३५९ वर्ष पूर्व का माना जाता है । जंगली गेहूँ अबतक कहीं नहीं पाया गया है । कुछ लोगों की राय है कि गेहूँ जवगोधी या खपली नामक गेहूँ से उन्नत करके उत्पन्न किया गया है । गेहूँ प्रधानत: दो जाति के होते...
113)
गैंड़ा gaiṇṛā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1333)
गैंड़ा gaiṇṛā संज्ञा पुं॰ [सं॰ गण्डक] भैंसे के आकार का एक बड़ा पशु जो नदी के किनारे के ऐसे दलदलों और कछारों में रहता है जहाँ जंगल होता है । विशेष—यह जंगली झाड़ियों कि जड़ों...
114)
गोंड़ gōṇṛa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1336)
...एक जंगली जाति जो मध्यप्रदेश में पाई जाती है । गोंड़वाना प्रदेश का नाम इसी जाति का निवासस्थान होने के कारण पड़ा । २. बंग और भुवनेश्वर के बीच का देश । ३. एक राग जो बर्षाकाल में गाया जाता है । विशेष—कोई इसे मेघ राग का पुत्र और कोई धनाश्री मल्लार और बिलावल...
116)
गोबिया gōbiyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1350)
...nbsp; विशेष—यह आसाम की पहाड़ियों में अधिकता से होता है । यह देखने में सुंदर होता है और इसकी छाया सघन होती है । इसकी पत्तियाँ पशुओं के चारे के काम आती हैं और लकड़ी से जंगली लोग तीर, कमान और टोकरे बनाते हैं । अकाल के समय गरीब लोग इसके बीजों का भात भी बनाकर खाते हैं ।
117)
गोरखर gōrakhara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1353)
गोरखर gōrakhara संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ गोरख़र] गधे की जाति का एक जंगली पशु जो गधे से बड़ा और घोड़े से छोटा होता है । विशेष—यह पश्चिमी भारत तथा मध्य और पश्चिम एशिया में पाया जाता...
118)
गोरचकरा gōracakarā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1353)
गोरचकरा gōracakarā संज्ञा पुं॰ [देश॰] सन की जाति का एक जंगली पौधा जिसके पत्ते घीकुआर की तरह चिकने और लंबे होते हैं । विशेष—अब यह पौधा बगीचों में शोभा के लिये भी लगाया जाने लगा है । इसका...
120)
गोला gōlā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1356)
...एक प्रकार का जंगली बाँस जो पोला नहीं होता और छड़ी या लाठी बनाने के काम में आता है । मुहा॰—गोला लाठी करना = लड़कों के हाथ पैर बाँधकर दोनों घुटनों के बीच डंड़ा ड़ालना । विशेष—यह दंड मौवबी मकतबों में लड़कों को दिया करते हैं ।
121)
गोह gōha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1359)
गोह १ gōha संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोधा] छिपकली की जाति का एक जंगली जंतु जो आकर में नेवले से कुछ बड़ा होता है । विशेष—इसकी फुफकार में बहुत विष होता है...
122)
ग्वालककड़ी gvālakakaṛī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1375)
ग्वालककड़ी gvālakakaṛī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ग्वाल+ ककड़ी] जंगली चिचड़ा जिसके बीज, जड़ और पत्तियाँ आदि ओषधि के काम में आती हैं । इसमें छोटे छोटे फलभी लगते हैं जो पकने पर गहरे लाल रंग के हो जाते हैं ।
124)
घोँट ghōm̐ṭa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1416)
घोँट ghōm̐ṭa संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. एक जंगली वृक्ष जो बहुत बड़ा होता है । इसकी लकड़ी मजबूत होती है और किसानी के औजार बनाने के काम में आती है । २. घूँट नामक वृक्ष ।
126)
चाय cāya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1510)
...हो रहा हो पर इस प्रकार उबालकर पीने की चाल वहाँ ईसा की सातवीं या आठवीं शताब्दी के पहले नहीं थी । भारतवर्ष में आसाम तथा मनीपुर आदि प्रदेशों में यह पौधा जंगली होता है । नागा की पहाड़ियों पर भी इसके जंगल पाए गए हैं । पर इसके पीने की प्रथा का प्रचार भारतवर्ष में नहीं था । चीन से चाय मँगा मँगाकर जबसे ईस्ट इंडिया कंपनी...
127)
चिउली ciulī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1522)
...महुए का जाति का एक जंगली पेड़ जो हिमालय के आसपास भूटन तक होता है । विशेष—इसका पतझड़ होता है । इसमें से एक प्रकार का तेल निकलता है जे मक्खन की तरह जम जाता है । इस तेल के जमे हुए कतरों को चिउरा या चिउली का पानी या पुलवा भी कहते हैं । नेपाल आदि में...
129)
चिलबिल cilabila
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1545)
...एक बड़ा जंगली पेड़ जिसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और खेती के औजार बनाने के काम में आती है । इसकी पत्तियाँ जामुन की पत्तियों की सी होती हैं । २. एक बड़ा पौधा जिसकी पत्तियाँ इमली की पत्तियों से मिलती जुलती होती है और पेड़ी डाल आदि बहुत हल्की और हरे रंग की होती है ।
130)
चिल्ला cillā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1546)
चिल्ला २ cillā संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. एक जंगली पेड़ । २. उर्द, मूँग या रौंदे के मैदे की परौंठी या घी चुपड़कर सेंकी हुई रोटी । चीला । उलटा ।
132)
चूरनहार cūranahāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1572)
चूरनहार cūranahāra संज्ञा पुं॰ [सं॰ चूर्णहार] एक प्रकार की जंगली बेल जिसके पत्ते बहुत लंबे, चिकने और कुछ मोटे होते हैं । विशेष— इसमें मीठी गंधवाले छोटे छोटे फूल भी लगते हैं । इसकी जड़, पत्तियों और...
133)
चेरु cēru
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1578)
चेरु cēru संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सेरु (जकडने वाले) अथवा देश॰] एक जंगली जाति जिसके रीति रिवाज क्षत्रियों से प्रायः मिलते जुलते हैं । विशेष— पाँच छह सौ वर्ष पहले भारत के अनेक...
134)
चौका caukā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1593)
...एक प्रकार का जंगली बकरा जिसे सींग होते हैं । विशेष—यह प्रायः जलाशय के आसपास की झाडियों में रहता है । रंग इसका बादामी होता है । यह २ फुट ऊँचा और ४, ५ फुट लंबा होता है । बचपन ही से यदि यह पाला जाय तो रह सकता है । इसके बाल पतले और...
135)
जंगल jaṅgala
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 219)
...lost) in the —; यह ~ मीलों तक फैलै हुआ है this forest stretches for miles. △ ~ जाना to go to ease oneself, to perform the offices of nature; ~ में मंगल a feast in the forest, paradise in wilderness. [syn. वन, a जंगली, pl. जंगल, जंगलात]
136)
जंगल jaṅgala
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1661)
जंगल jaṅgala संज्ञा पुं॰ [सं॰ जङ्गल] [वि॰ जंगली] १. जलशुन्य भूमि । रेगिस्तान । २. वन । कानन । अरण्य । मुहा॰—जंगल खँगालना = जंगल मँझाना । जंगल की जाँच पड़ताल करना या...
139)
जंगली jaṅgalī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1661)
जंगली jaṅgalī वि॰ [हिं॰ जंगल] १. जंगल में मिलने या होनेवाला । जंगल संबंधी । जैसे, जंगली लकड़ी, जंगली कंड़ा । २. आपसे आप होनेवाला । (वनस्पति) । बिना बोए या लगाए उगनेवाल । जैसे, जंगली आम, जंगली कपास । ३. जंगल में रहनेवाला । बनैला...
141)
जंगली बादाम jaṅgalī bādāma
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1662)
जंगली jaṅgalī, बादाम bādāma संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जंगली + बादाम] १. कतीले की खाति का एक पेड़ । पूल । पिनार । विशेष—वह वृक्ष भारतवर्ष के पश्चिमी घाट के पहाड़ों...
144)
जंड jaṇḍa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1664)
जंड jaṇḍa संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक जंगली पेड़ जिसे साँगर भी कहते हैँ । इसकी फलियों का अचार बनाया जाता है । उ॰—डेले, पीलू, आक और जंड के कुड़मुड़ाए वृक्ष ।—ज्ञानदान, पृ॰ १०३ ।
145)
जबरा jabarā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1691)
जबरा २ jabarā संज्ञा पुं॰ [अ॰ जेबरा] घोड़े और गदहे के मध्य का एक' बहुत सुंदर जंगली जानवर जो मटमैले सफेद रंग का होता है और जिसके सारे शरीर पर लंबी सुंदर और काली धारियाँ होती है ।  ...
146)
जयंती jayantī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1699)
...इससे बनता है । इसकी पत्तियाँ फोड़े या सूजन पर बाँधी जाती हैं और गिलटियों को गलाने का काम करती हैं । इसकी जड़ पीसकर बिच्छू के काटने पर लगाई जाती है । यह जंगली भी होता है और लोग इसे लगाते भी हैं । इसका बीज जेठ असाढ़ में बोया जाता है । इसकी एक छोटी जाति होती है, जिसे 'चक्रभेद' कहते हैं । इसके रेशे से जाल बनता...
149)
जलपाई jalapāī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1713)
...हिमालय के उतरपूर्वीय भाग में तीन हजार फुट की ऊँचाई पर होता है और उत्तरी कनारा और ट्रावनकोर के जंगलों में भी मिलता है । यह रुद्राक्ष के पेड़ से छोटा होता है । इसका फल गूदेदार होता है और 'जंगली जैतून' कहलाता है । इसके कच्चे फलों की तरकारी और अचार बनाया जाता है और पक्के फल यों ही खाए जाते हैं ।
152)
जाति jāti
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 232)
or दलित जातियाँ scheduled या depressed —es. (c) race: मानव ~ human —; गोरी जातियाँ white —s. (d) tribe: जंगली जातियाँ wild —s. (e) kind: मनुष्य ~ mankind; पशु ~ animal kind. (f) breed: घोड़े or हिरन की ~ — of a horse...
153)
जानवर jānavara
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 234)
जानवर jānavara jān·var mc (a) animal [पालतू domestic, सिधाया हुआ tamed, प्यासा thirsty, भूखा hungry]; जंगली ~ wild —, beast. (b) cattle: वह जानवरों को चराने ले गया he took out the — for...
154)
जिगिन jigina
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1752)
जिगिन jigina संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ जिङ्गिनी] एक ऊँचा जंगली पेड़ । विशेष—इसके पत्ते महूए या तुन के पत्तों के समान होता हैं और टहनी में जोड़ के रूप इधर इधर लगते हैं । यह पहाड़ों और...
155)
जीरा jīrā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1769)
...सर्वत्र अधि- कता से बोया जाता है । लोगों का अनुमान है कि यह पश्चिम के देशों से लाया गया है । मिस्र देश तथा भूमध्य सागर के माल्टा आदि टापुओं में यह जंगली पाया जाता है । माल्टा का जीरा बहुत अच्छा और सुगंधित होता है । जीरा कई प्रकार का होता है पर इसके दो मुख्य भेद माने जाते हैं— सफेद और स्याह अथवा श्वेत और...
156)
जुयांग juyāṅga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1781)
जुयांग juyāṅga संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली जाति । विशेष—इस जाति के लोग सिंहभूमि के दक्षिण उड़ीसा में पाए जाते हैं और कोलों से मिलते जुलते हैं ।
157)
जुराफा jurāphā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1782)
जुराफा jurāphā संज्ञा पुं॰ [अ॰ जिराफ़] अफरीका का एक जंगली पशु । विशेष—इसके खुर बैल के से, टाँगे और गर्दन ऊँट की सी लंबी, सिर हिरन का सा, पर बहुत छोटे छोटे और पूँछ गाय...
159)
जड़ी jaṛī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1680)
जड़ी jaṛī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जड़] वह वनस्पति जिसकी जड़ औषध के काम में लाई जाय । बिरई । यौ॰—जड़ी बूटी = जंगली औषधि या वनस्पति ।
160)
झाँख jhām̐kha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1836)
झाँख jhām̐kha संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बड़ा जंगली हिरन । उ॰—ठाढे ढिग बाध बिग चीते चितवत झाँख मृग शाखामृग सब रीझि रीझि रहे हैं ।—देव (शब्द॰) ।
161)
झिंगिनी jhiṅginī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1843)
झिंगिनी २ jhiṅginī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ झिङ्गिनी] एक प्रकार का जंगली बृक्ष जो बहुत ऊँचा होता है । इसके पत्ते महुए के समान और शाखाओं में दोनों ओर लगते हैं । फूल सफेद और फल बेर के समान होते हैं ।
162)
झूला jhūlā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1856)
...भारतवर्ष में पहाड़ी नदियों आदि पर इसी प्रकार के पुल होते थे । आजकल भी उत्तरी भारत तथा दक्षिणी अमेरिका की छोटी छोटी पहाड़ी नदियों और बड़ी बड़ी खाइयों पर कहीं कहीं जंगली जातियों के बनाए हुए इस प्रकार के पुरानी चाल के पुल पाए जाते हैं । पुरानी चाल के पुल दो तरह के होते हैं—(१) एक बहुत छोटे और मजबूत रस्से...
163)
झड़बेरी jhaṛabērī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1826)
झड़बेरी jhaṛabērī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ झाड़ + बेर] १. जंगली बेर । २. जंगली बेर का पौधा । मुहा॰—झड़बेरी का काँटा = लड़ने या उलझनेवाला मनुष्य । व्यर्थ झगड़ा करनेवाला मनुष्य ।
167)
डंस ḍaṃsa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1932)
डंस ḍaṃsa संज्ञा पुं॰ [सं॰ दंश, प्रा॰ डंस] एक प्रकार का बड़ा मच्छर जो बहुत काटता है और जिसका आकार बड़ी मक्खी से मिलता जुलता होता है । डँस । वनमशक । जंगली मच्छर । उ॰—देव विषय सुख लालसा डंस मसकादि खलु झिल्ली रूपादि सब...
168)
डिठोहरी ḍiṭhōharī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1951)
डिठोहरी ḍiṭhōharī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ डीठि + हरना अथवा देश॰] एक जंगली पेड़ के फल का बीज जिसे तागे में पिरोकर बच्चों के गले में उन्हें नजर से बचाने के लिये पहनाते हैं । विशेष
169)
डेरा ḍērā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1958)
डेरा ३ ḍērā संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक छोटा जंगली पेड़ जिसकी सफेद और मजबूत लकड़ी सजावट के समान बनाने के काम में आती है । विशेष— यह पेड़ पंजाब, अवध, बंगाल तथा...
172)
ढाढ़ौन ḍhāṛhauna
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 1973)
ढाढ़ौन ḍhāṛhauna संज्ञा पुं॰ [सं॰ ढिणिढणी] जल सिरिस का पेड़ । विशेष— यह पेड़ पानी के किनारे होता है और जंगली सिरिस से कुछ छोटा हाता है । वैद्यक के अनुसार यह त्रिदोष, कफ, कुष्ट और बवासीर...
173)
तिन्नी tinnī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2082)
तिन्नी १ tinnī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ तृण, हिं॰ तिन, अथवा सं॰ तृणान्न] एक प्रकार का जंगली धान जो तालों में आपसे आप होता है । विशेष— इसकी पत्तियाँ जड़हन का...
174)
तिल tila
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2090)
...फसल यदि कार्तिक में बोई जाय तो पुस माघ तक तैयार हो जाती है । उदभिद शास्त्रवेत्ताओं का अनुमान है कि तिल का आदिस्थान अफ्रिका महाद्वीप है । वहाँ आठ नौ जाति के जंगली तिल पाए जाते हैं । पर तिल शब्द का व्यवहार संस्कृत में प्राचीन है, यहाँ तक कि जब और किसी बीज से तेल नहीं निकाला गया था, तव तिल से निकाला गया । इसी...
176)
तेजपत्र tējapatra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2131)
तेजपत्र tējapatra संज्ञा पुं॰ [सं॰] तेजपत्ता । एक जंगली वृक्ष का पत्ता जो सुगंधित होता है और इसी लिये मसाले में पड़ता है । इसके वृक्ष सिलहट की पहाड़ियों पर बहुत होते हैं । इसे तेजपत्ता और तेजपात भी कहते हैं ।
177)
तेजबल tējabala
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2131)
तेजबल tējabala संज्ञा पुं॰ [सं॰ तेजोवती] एक काँटेदार जंगली वृक्ष जो प्रायः हरिद्वार और उसके पास के प्रांतों में अदिकता से होता है । विशेष—इसकी छाल लाल मिर्च की तरह बहुत चरपरी होती है और...
178)
तेलसुर tēlasura
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2134)
तेलसुर tēlasura संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक जंगली वृक्ष जो बहुत ऊँचा होता है । विशष—इसके हीर की लकड़ी कड़ी और सफेदी लिए पीली होती है । यह वृक्ष चटगाँव और सिलहट के जिलों में बहुत होता है । इसकी...
179)
थरि thari
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2176)
...बाघ आदि की माँद । चुर । उ॰—सिंह थरि जाने बिन जावली जंगली भठी, हटी गज एदिल पठाय करि भटक्यो ।—भूषण ग्रं॰, पृ॰ १२ । २. स्थली । आवास स्थान । रहने की जगह । उ॰— जो लगि फेरि मुकुति हे परौ न पिंजर माहँ । जाउँ वेगि थरि आपनि है जहाँ बिंझ वनाँह ।—पदामावत, पृ॰ ३७३ ।
180)
थारू thārū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2181)
थारू thārū संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक जंगली जाति जो नैपाल की तराई में पाई जाती है । विशेष—यह पूर्व से पश्चिम तक बसी हुई है और अपने रीति- रिवाज, जादू, टोना आदि रूढ़िगत विश्वास से बँधी हुई...
183)
दीर्घपत्रा dīrghapatrā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2300)
दीर्घपत्रा dīrghapatrā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. केतकी । २. जंगली जामुन का पेड़ जो छोटा और नदियों के किनारे होता है । ३. चित्रपर्णी । ४. शालपर्णी ।
184)
दुद्धी duddhī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2314)
संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ दूध] १. एक प्रकार की सफेद मिट्टी । खड़िया मिट्टी । २. सारिवा लता । ३. जंगली नील । ४. एक पेड़ जो मद्रास, मध्य प्रदेश और राजपूताने में होता है । इसकी लकड़ी सफेद और बहुत अच्छी होती है और बहुत से कामों में आती है ।
185)
देवदासी dēvadāsī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2361)
...इनका उत्तराधिकारी पुत्र नहीं होता, कन्या होती है । मंदिरों में देवदासियाँ रखने की प्रथा प्राचीन है । कालिदास के मेधदूत में महाकाल के मंदिर में वेश्याओं के नृत्य करने की बात लिखी है । मिस्र, यूनान, बाबिलन आदि के प्राचीन देव- मंदिरों में भी देवनर्तकियाँ होती थीं । ३. जंगली बिड़ौरा नीबू । बिजौरा नीबू ।
186)
दोयरी dōyarī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2383)
दोयरी dōyarī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली पेड़ जो दारजिलिंग के जंगलों में बहुत होता है । विशेष—इसकी लकड़ी सफेद और मजबूत होती है संदूक आदि बनाने तथा इमारत के काम आदी है । इसकी लकड़ी का कोयला...
187)
द्लाढक dlāḍhaka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2229)
द्लाढक dlāḍhaka संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. जंगली तिल । २. गेरू । ३. नामकेसर । ४. सिरिस । ५. कुंद । ६. गजकर्णी । एक प्रकार का पलाश । ७. गाज । फेन (को॰) । ८. खाँई । परिखा (को...
189)
धव dhava
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2445)
...एक जंगली पेड़ जिसकी पत्तियाँ अमरूद या शरीफे की पत्तियों जैसी होती हैं । उ॰— कुतक खिदर धव काठरा, विदर पजावण वेस ।—बाँकी॰, ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८६ । विशेष— इसकी छाल सफेद और चिकनी तथा हीर की लकड़ी बहुत कड़ी और चमकीली होती है । फल छोटे छोटे होते हैं । इसकी कई जातियाँ...
191)
धाँगड़ dhām̐gaṛa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2447)
...एक अनार्य जंगली जाति जो विंध्य और कैमोर पहाड़ियों पर रहती है । २. एक जाति जो कूएँ और तालाब खेदने का काम करती । उ॰— अरु कत धाँगड़ देखिग्रीथ जाइ तें । गोरु मारि मिसिमल कए षाइतें ।—कीर्ति॰, पृ॰ ९० ।
192)
धान dhāna
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2452)
...का एक पौधा जिसके बीज की गिनती अच्छे अन्नों में है । शालि । व्रीहि । विशेष— भारतवर्ष तथा आस्ट्रेलिया के कुछ भागों में यह जंगली होता है । इसकी बहुत अधिक खेती भारत, चीन, बरमा, मलाया, अमेरिका (संयुक्त राज्य और ब्रेजिल) तथा थोड़ी बहुत इटली और स्पेन आदि युरोप के दक्षिणी भागों में होती है । इसके लिये तर...
193)
ननोई nanōī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2530)
ननोई nanōī संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली धान जो बिना जोते बोए वर्षा में जलाशयों में स्वयं पैदा होता है । पसही । तिन्नी ।
195)
नागा nāgā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2567)
...आसाम के पूर्व की पाहाड़ियों में बसनेवाली एक जंगली जाति । जिनका प्रेदश 'नागा लैंड' कहा जाता है । २. आसाम में वह पहाड़ या स्थान जिसके आसपास नागा जाति की बस्ती है ।
196)
नाशपाती nāśapātī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2598)
...रहते हैं । फल का विशेष अंश सफेद कड़ा गूदा ही होता है इससे इसके टुकड़े कटे हुए कड़े मिस्त्री के टुकड़ों के समान जान पड़ते हैं । काश्मीर में नाशपाती के पेड़ जंगली मिलते हैं । काश्मीर के अतिरिक्त हिमालय के किनारे सर्वत्र, दक्षिण में नीलागिरि, बंगलौर आदि में तथा भारतवर्ष मे थोड़े बहुत सब स्थानों में इसके पेड़ लगाए जाते हैं । कलम और पैबंद से...
200)
पंडुक paṇḍuka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2743)
...वृक्ष पर शुक, मयूर, पंडुक इत्यादि सहस्रों प्रकार के पक्षियों का निवास है ।—कबीर मं॰, पृ॰ ४९६ । विशेष—यह प्रायः जंगली झाड़ियों और उजाड़ स्थानों में होता है । नर की बोली कड़ी होती है और उसके गले मे कंठा सा होता है जो नीचे की ओर अधिक स्पष्ट दिखाई पड़ता है पर ऊपर...
201)
पइयाँ paiyām̐
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2747)
पइयाँ paiyām̐ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] जंगली चेरी । उ॰—पइमों की प्रसन्न पंखड़ियाँ उड़ती थीं पिछवारे । महक रहे थे नीबू, कुसुमों में रजगंध सँवारे ।—अतिमा, पृ॰ १५ ।
203)
पठानीलोध paṭhānīlōdha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2777)
पठानीलोध paṭhānīlōdha संज्ञा पुं॰ [सं॰ पट्ठिकालोध्र] एक जंगली वृक्ष जिसकी लकड़ी और फूल औषध के और पत्तियाँ और छाल रंग बनाने के काम में आती हैं । विशेष—यह उगाया या रोपा नहीं जाता, केवल जंगली...
204)
पतालकुम्हड़ा patālakumhaṛā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2790)
पतालकुम्हड़ा patālakumhaṛā संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पताल + कुम्हड़ा] एक प्रकार का जंगली पौधा जिसकी बेल शकरकंद की लता की तरह जमीन पर फैलती है और शकरकंद ही की तरह जिसकी गाँठों से कंद फूटते है । कंदों का परिमाण एक सा नहीं होता, कौई...
205)
पत्तल pattala
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2794)
...कुछ कम या अधिक होती है । हिंदुओं के यहाँ बड़े भोजों में इसी पर भोजन परसा जाता है । अन्य अवसरों पर भी इसका थाली के स्थान पर उपयोग किया जाता है । जंगली मनुष्य तो सदा इसी में खाना खाते हैं । मुहा॰—एक पत्तल के खानेवाले = परस्पर घनिष्ठ सामाजिक संबंध रखनेवाले । परस्पर रोटी बेटी...
206)
पदम padama
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2803)
पदम २ padama संज्ञा पुं॰ [सं॰ पद्मकाष्ठ] बादाम की जाति का एक जंगली पेड़ । अमलगुच्छ । पद्माख । विशेष—यह पेड़ सिंधु से आसाम तक २५०० से ७००० फुट...
207)
पन्यारी panyārī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2814)
पन्यारी panyārī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली वृक्ष जो मझोले कद का होता है । विशेष—यह वृक्ष सदा हरा रहता है और मध्यप्रदेश में यह अधिकता से पाया जाता है । इसकी लकड़ी टिकाऊ और चमकदार...
208)
परल parala
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2835)
परल parala संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक जंगली पेड़ जिसकी जड़ और छाल दवा के काम में आती है और लकड़ी इमारतों में लगती है । परताल ।
209)
परिक्रय संधि parikraya sandhi
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2846)
परिक्रय parikraya, संधि sandhi संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ परिक्रय सन्धि] वह संधि जो जंगली पदार्थ, धन या कोश का कुछ भाग या संपूर्ण कोश देकर की जाय । (कामंदक) ।
210)
पशु paśu
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 381)
...animal [जंगली wild, घरेलू/पालतू domestic, भयानक dangerous, भूखा hungry, मूक dumb]; ~ जीते हैं, मरते हैं animals live, die. [syn. जानवर] 2. cattle: ~ चराना (पालना, रखना) to graze (rear, keep) —; दुधारू ~ दूध देते हैं
211)
पस्सी बबूल passī babūla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2905)
पस्सी passī, बबूल babūla संज्ञा पुं॰ [हिं॰ पस्सी ? + हिं॰ बबूल] एक प्रकार का पहाड़ी विलायती बबूल जो जंगली नहीं होता बल्कि बोने और लगाने से होता है । विशेष—हिमालय...
213)
पाणिनि pāṇini
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2937)
...भी प्रसिद्ध है कि एक बार ये जंगल में बैठे हुए अपने शिष्यों को पढ़ा रहे थे । इतने में एक जंगली हाथी आकर इनके और शिष्यों के बीच से होकर निकल गया । कहते हैं, यदि गुरु और शिष्य के बीच में से जंगली हाथी निकल जाय तो बारह वर्ष का अनध्याय हो जाता है— १२ वर्ष तक गुरु को अपने शिष्यों को...
214)
पाबाकर pābākara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 2926)
पाबाकर pābākara संज्ञा पुं॰ [सं॰ पर्कटी, प्रा॰ पक्कड़ी] एक वृक्ष जो पंच वटों में माना जाता है । रामअंजीर । पाखर । जंगली पिपली । पलखन । विशेष—इसके वृक्ष समस्त भारतवर्ष में वर्षा में अधिकता से बोए जाते हैं...
216)
पीता pītā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3025)
...३. बड़ी मालकँगनी । ४. भूरे रंग का शीशम । ५. फलप्रियंगु । ६. गोरोचन । ७. अतीस । ८. पीला केला । स्वर्णकदली । ९. जंगली बिजौरा नीबू । १०. जर्द चमेली । ११. देवदार । १२. राल । १३. असगंध । १४. शालिपर्णी । १५. अकासवेल ।
217)
पुआल puāla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3035)
पुआल १ puāla संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक ऊँचा जंगली पेड़ जिसकी लकड़ी बहुत मजबुत और पीले रंग की होती है और इमारतों में लगती है । यह दारजिलिंग, सिक्किम और भोटान के जंगलों मे होता है ।
218)
पुरुषसंधि puruṣasandhi
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3058)
...लिये लेकर करे । विशेष— कौटिल्य ने लिखा है कि यदि ऐसी अवस्था आ पड़े तो राजा शत्रु को इस प्रकार के लोग दे— राजद्रोही, जंगली, अपने यहाँ के अपमानित सामंत आदि । इससे राजा का इनसे पीछा भी छूट जायगा और ये शत्रु के यहाँ जाकर मौका पाकर उसकी हानि भी करेंगे ।
220)
पून pūna
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3076)
पून १ pūna संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. जंगली बादाम का पेड़ जो भारत के पश्चिमी किनारों पर होता है । विशेष—इसके फूल और पत्तियाँ दवा के काम आती हैं और फल...
221)
पूयउडश pūyauḍaśa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3077)
पूयउडश pūyauḍaśa संज्ञा पुं॰ [देश॰] भोजपत्र की जाति का एक वृक्ष । विशेष—यह वृक्ष खसिया पहाड़ी और बरमा में होता है । इसकी छाल मनीपुर आदि के जंगली लोग खाते है और पानी के घड़े पर उसकी मजबूती...
224)
पेदर pēdara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3098)
पेदर pēdara संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बहुत बड़ा जंगली पेड़ जिसके पत्ते हर साल झड़ जाते है । विशेष—इसकी लकड़ी भीतर से सफेद और बहुत मजबूत होती है । यह मेज, कुरसियाँ, अलमारियाँ और नावें बनाने...
225)
पोई pōī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3112)
...पर चिड़ियाँ खाती हैं । पोई दो प्रकार की होती हैं— एक काले डंठल की, दूसरी हरे डंठल की । बरसात में यह बहुत उपजाती है । पत्तियों का लोग साग खाते हैं । एक जंगली पोई भी होती है जिसकी पत्तियाँ लंबोतरी होती हैं । इसका साग अच्छा नहीं होता । पोई की लता में रेशे होते हैं जो रस्सी बटने के काम में आते हैं । वैद्यक में पोई...
229)
फफोर phaphōra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3269)
फफोर phaphōra संज्ञा पुं॰ [सं॰ ?या देश॰] एक प्रकार का जंगली प्याज । विशेष—यह हिमालय में छह हजार फुट की ऊँचाई तक होता है और प्रायः प्याज की जगह काम में आता है ।
230)
फरेरी pharērī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3277)
फरेरी pharērī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ फलहरी या फल = रा (प्रत्य॰)] जंगल के फल । जंगली मेवा । उ॰— मुख कुरवार फरेरी खाना । बहु विषभा जब ब्याध तुलाना ।—जायसी (शब्द॰) ।
233)
फल्गु phalgu
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3285)
...कठूमर । जंगली गूलर (को॰) । ४. असत्य कथन । झूठ वचन (को॰) । ५. ज्यौतिष में पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (को॰) । ६. बिहार की एक नदी का नाम । गया तीर्थ इसी नदी के किनारे हैं । यौ॰—फल्गुदा = फल्गुनदी ।
235)
फुलंगो phulaṅgō
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3305)
फुलंगो phulaṅgō संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ फुल ? या देश॰] पहाड़ी में होनेवाली जंगली भाँग का वह पौधा जिसमें बीज बिलकुल नहीं लगते । कलंगो का उलटा ।
236)
फूल phūla
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 427)
...flower [कोमल delicate, जंगली wild, ताज़ा fresh, नक़ली artificial]; मुरझाये हुए ~ withered —s; ~ खिलते हैं —s bloom; हम ~ चुनते/तोड़ते हैं we pluck —s; फूलों का गुच्छा a bunch of —s: फूलों की क्यारी a bed of flowers; पेड़ पर
237)
बकरा bakarā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3340)
...दोनों ओर स्तन की भाँति चार चार अंगुल लंबी और पतली थैली होती है जिसे गलस्तन या गलथन कहते हैं । बकरों की अनेक जातियाँ होती हैं । कोई छोटी, कोई बड़ी कोई जंगली, कोई पालतू, किसी के बाल छोटे और किसी के लंबे और बड़े होते हैं । आर्य जाति को बकरों का ज्ञान बहुत प्राचीन काल से है । वेदों में 'अज' शब्द गो के साथ...
238)
बनआल् banaāl
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3376)
बनआल् banaāl संज्ञा पुं॰ [हिं॰ वन + आलू] पिंडालू और जमीकंद आदि की जाति का एक प्रकार का पौधा जो नेपाल,सिकिम, बंगाल, बरमा और दक्षिण भारत में होता है । यह प्रायः जंगली होता है और बोया नहीं जाता इसकी जड़ प्रायः जंगलो...
241)
बनखंड banakhaṇḍa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
बनखंड banakhaṇḍa संज्ञा पुं॰ [सं॰ वनखण्ड] जंगल का कोई भाग । जंगली प्रदेश । उ॰—आगे सड़क रक्षित वनखंड में घुसी ।— किन्नर॰, पृ॰ ५१ ।
243)
बनघास banaghāsa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
बनघास banaghāsa संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बन + घास] जंगली घास । नाम- रहित घास या तृण । उ॰—केहि गिनती महँ गिनती जस बनघास । राम जपत भए तुलसी तुलसीदास ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २४ ।
244)
बनचर banacara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
...बन में रहनेवाला मनुष्य । जंगली आदमी । उ॰—राम सकल बनचर तब तोषे ।—मानस, २ ।१३७ । ३. जल में रहनेवाले जीव । जैसे, मछली, मगर आदि ।
245)
बनचरी banacarī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
बनचरी १ banacarī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली घास जिसकी पत्तियाँ ग्वार की पत्तियों की तरह होती हैं । बरो ।
247)
बनचारी banacārī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
संज्ञा पुं॰ [सं॰ बनचारिन्] १. बन में घूमनेवाला । उ॰—हिसारत निषाद तामस वपु पशु समान बनचारी ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ५४२ । २. वन में रहनेवाला व्यक्ति । ३. जंगली जानवर । ४. मछली, मगर, घड़ियाल, कछुवा आदि जल में रहनेवाले जंतु ।
248)
बनचौंर, बनचौंरी banacauṃra, banacauṃrī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3377)
बनचौंर banacauṃra, बनचौंरी banacauṃrī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बन + सं॰ चमरी] नेपाल के पहाड़ों में रहनेवाली एक प्रकार की जंगली गाय जिसकी पूँछ की चँवर बनाई जाती है । सुरा गाय । सुरभी ।
250)
बनपिंडालू banapiṇḍālū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3379)
बनपिंडालू banapiṇḍālū संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बन + पिंडालू] एक जंगली वृक्ष । विशेष—यह वृक्ष बहुत बड़ा नहीं होता । इसकी लकड़ी जर्दी लिए भूरे रंग की और कंघी, कलमदान या नक्काशीदार चीजें बनाने के काम...
254)
बनबिलाव banabilāva
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3379)
बनबिलाव banabilāva संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बन + बिलाव( = बिल्ली)] उत्तर भारत, बंगाल और उड़ीसा में मिलनेवाला बिल्ली की जाति का और उससे बहुत ही मिलता जुलता एक जंगली जंतु जिसे लोग प्रायः बिल्ली ही मानते हैं ।  ...
255)
बनमानुष banamānuṣa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3380)
बनमानुष banamānuṣa संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बन + मानुष] १. बंदरों से कुछ उन्नत और मनुष्य से मिलता जुलता कोई जंगली जंतु । जैसे गोरिल्ला, चिपैंजी, आदि । २. बिल्कुल जंगली आदमी (परिहास) ।
257)
बनमुर्गिया banamurgiyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3380)
हिमालय की तराई में रहनेवाला एक प्रकार का पक्षी । विशेष—इस पक्षी का गला और सीना सफेद सारा शरीर आसमानी रंग का और चोंच जंगली रंग की हाती है । यह पक्षी भूमि पर भी चलता और पानी में भी तैर सकता है । इसका मांस खाया जाता है ।
258)
बनरखा banarakhā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3380)
...जंगल की रक्षा करनेवाला । बन का रक्षक । २.बहेलियों तथा जगल में रहनेवालों की एक जाति । विशेष—इस जाति के लोग प्रायः राजा महाराजाओं को शिकार के संबध में सूचनाएँ देते हैं । और शिकार के समय जंगली जानवरों को घेरकर सामने लाते हैं और उनका शिकार कराते हैं ।
259)
बनरीठा banarīṭhā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3380)
बनरीठा banarīṭhā संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बन + रीठा] एक प्रकार का जंगली रीठा जिसकी फलियों से लोग सिर के बाल साफ करते हैं । एला । विशेष—इसका पेड़ काँटेदार होता है और सारे भारत में...
260)
बनरुह banaruha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3380)
बनरुह banaruha संज्ञा पुं॰ [सं॰ वनरुह] १. जंगल में आपसे आप होनेवाला वृक्ष या पौधा । जंगली पेड़ । २. कमल । उ॰—रिपु रन जीति अनुज सँग सोभित फेरत चाप विशिष वनरुह कर ।—तुलसी (शब्द॰) ।
263)
बबूल babūla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3386)
बबूल babūla संज्ञा पुं॰ [सं॰ बब्बुल, प्रा॰ बबूल] मझोले कद का एक प्रसिद्ध काँटेदार पेड़ । कीकर । विशेष—यह वृक्ष भारत के प्रायः सभी प्रांतों में जंगली अवस्था में अधिकता से पाया जाता है । गरम प्रदेश...
264)
बरही barahī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3397)
...साही नाम का जंगली जंतु । उ॰—पुनि शत सर छाती महँ दीन्हें । बीसहु भुज बरही सम कीन्हें ।—विश्राम (शब्द॰) । ३. अग्नि । आग । (डिं॰) । ४. मुरगा । ५. द्रुम । वृक्ष ।— अनेकार्थ॰, पृ॰ १४३ । ६. अग्नि ।—अनेकाथ॰, पृ॰ १४३ ।
265)
बरार barāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3399)
...एक प्रकार का जंगली जानवर । २. वह चंदा जो गाँवों में घर पीछे लिया जाता है । ३. मध्य- प्रदेश का एक भाग जो अब महाराष्ट्र का अंग है ।
266)
बर्बर barbara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3404)
...अनार्य । वर्णाश्रम बिहीन असभ्य मनुष्य । जंगली आदमी । ३. एक पौधा । ४. एक कीड़ा । ५. एक प्रकार की मछली । ६. एक प्रकार का नृत्य । ७. अस्त्रों की झनकांर । हथियारों की आवाज । ८. पीतचंदन ।
267)
बर्बर barbara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3404)
बर्बर barbara वि॰ १. जंगली । असभ्य । २. अशिष्ट । उद्दंड । उ॰—परम बर्बर खर्ब गर्व पर्वत चढ़ो अज्ञ सर्वज्ञ जनमानि जनावै ।—तुलसी (शब्द॰) ।
269)
बहुफला bahuphalā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3426)
बहुफला bahuphalā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. भूम्यामलकी । २. खीरा । त्रपुष । ३. क्षविका । एक प्रकार का बनभंटा । ४. काकमाची । ५. छोटा करेला । जंगली करेला । करेली ।
270)
बहुफली bahuphalī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3426)
बहुफली bahuphalī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार की जंगली गाजर । विशेष—इसका पौधा अजवाइन का सा पर उससे छोटा होता है । पत्ते सौंफ के से होते हैं और धनिए के फूलों के से पीले रंग के गुच्छे...
271)
बहेड़ा bahēṛā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3429)
बहेड़ा bahēṛā संज्ञा पुं॰ [सं॰ बिभीतक, प्रा॰ बहेडअ] एक बड़ा और ऊँचा जंगली पेड़ जो अर्जुन की जाति का माना गया है । विशेष—यह पतझड़ में पते झाड़ता है और सिंध तथा राज- पूताने आदि...
272)
बाँसुलीकंद bām̐sulīkanda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3436)
बाँसुलीकंद bām̐sulīkanda संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बाँसुली + सं॰ कन्द] एक प्रकार का जंगली सूरन या जमीकंद जो गले में बहुत अधिक लगता है और प्रायः इसी के कारण खाने के योग्य नहीं होता ।
273)
बाण bāṇa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3445)
...एक लंबा और नुकीला अस्त्र जो धनुष पर चढ़ाकर चलाया जाता है । तीर । सायक । शर । विशेष—प्राचीन काल में प्रायः सारे संसार में इस अस्त्र का प्रयोग होता था; ओर अब भी अनेक स्थानों के जंगली ओर अशिक्षित लोग अपने शत्रुओं का संहार या आखेट आदि करने में इसी का व्यबहार करते हैं । यह प्रायः...
275)
बिजनी bijanī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3489)
बिजनी bijanī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ विजन] हिमालय की एक जंगली जाति । विशेष—यह जाति उस प्रदेश में बसती है जहाँ ब्रह्मपुत्र नद हिमालय को काटकर तिब्वत से भारत में आता है ।
276)
बिजयसार bijayasāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3489)
बिजयसार bijayasāra संज्ञा पुं॰ [सं॰ विजयसार] एक प्रकार का बहुत बड़ा जंगली पेड़ जिसके पत्ते पीपल के पत्तों से कुछ छोटे होते हैं । बिजयखार । विशेष—इसमें आँवले के समान एक प्रकार के पीले फल भी...
277)
बिज्जू bijjū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3492)
बिज्जू bijjū संज्ञा पुं॰ [देश॰] बिल्ली के आकर प्रकार का एक जंगली जानवर जो प्रायः दो हाथ लंबा होता है । बीजू । विशेष—यह प्रायः जंगलों में बिल खोदकर अपनी मादा के साथ उसी में रहता हैं । दिन...
279)
बिल bila
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3506)
...जमीन के अदर खोदकर बनाया हुआ कुछ जंगली जीवों के रहने का स्थान । जैसे, चूहे का बिल, साँप का बिल । मुहा॰—बिल ढूँढ़ते फिरना = अपनी रक्षा का उपाय ढूँढ़ते फिरना । बहुत परेशान होकर अपने बचने की तरकीब ढूँढ़ना ।
280)
बिसखपरा bisakhaparā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3512)
...एक प्रकार की जंगली बूटी जिसकी पत्तियाँ बनगोभी की सी परंतु कुछ अधिक हरी और लंबी होती है । यह औषध में काम आती है । इसे 'बिसखपरी' भी कहते हैं । ३. पुनर्नवा । पथरचटा । गदहपूरना ।
282)
बेजू bējū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3548)
बेजू bējū संज्ञा पुं॰ [अं॰ बेजर] डेढ़ दो हाथ लंबा एक प्रकार का जंगली जानवर जो प्रायः सभी गरम देशों में पाया जाता है । विशेष—इसके शरीर का रंग भूरा और पैर छोटा होता है...
283)
बेर bēra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3556)
...प्रायः सारे भारत में होनेवाला मझोले आकार का एक प्रसिद्ध कँटीला वृक्ष । विशेष—इसके छोटे बड़े कई भेद होते हैं । यह वृक्ष जब जंगली दशा में होता है, तब झरबेरी कहलाता है और जब कलम लगाकर तैयार किया जाता है तब उसे पेबंदी (पैवंदी) कहते हैं । इसकी पत्तियाँ चारे के काम में और छाल चमड़ा...
284)
बैँगन baim̐gana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3565)
...एक वार्षिक पौधा जिसके फल की तरकारी बनाई जाती है । भंटा । उ॰—गुरू शब्द का बैंगन करिले तब बनिहै कुँजड़ाई ।—कबीर॰ श॰, भा॰ ३, पृ॰ ४८ । विशेष—यह भटकटैया की जाति का है और अबतक कहों कहीं जंगलों में आपसे आप उगा हुआ मिलता है जिसे 'बनभंटा' कहते हैं । जंगली रूप...
285)
बोत bōta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3573)
बोत bōta संज्ञा पुं॰ [देश॰] घोड़ों की एक जाति । उ॰—कोइ अरबी जंगली पहारी । चिंरचेंचक चंपा कंधारी । कोई काबुली कँबोज कोइ कच्छी । बोत नेमना मुंजी लच्छी ।— विश्राम (शब्द॰) ।
286)
बड़ंगू baṛaṅgū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3361)
बड़ंगू baṛaṅgū संज्ञा पुं॰ [देशज] दक्षिण का एक जंगली पेड़ । विशेष—यह पेड कोंकन, मलाबार,ञावंकोर आदि की ओर बहुत होता है । इसमें से एक प्रकार का तेल निकलता है ।
289)
भरल bharala
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3624)
भरल bharala संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] नीले रंग की एक प्रकार की जंगली भेड़ जो हिमालय में भूटान से लद्दाख तक होती है ।
291)
भरौंट bharauṇṭa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3625)
भरौंट bharauṇṭa संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली घास । भुरत । विशेष— यह राजपूताने में अधिकता से होती है और पशुओं के खाने का काम में आती है । इसमें छोटे छोटे दाने या फल भी लगते हैं...
292)
भाँग bhām̐ga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3633)
...प्रायः सभी स्थानों में और विशेषतः उत्तर भारत में इन्हीं पत्तियों के लिये बोया जाता है । नेपाल की तराई में कहीं कहीं यह आपसे आप और जगली भी होता है । पर जंगली पौधे की पत्तियाँ विशेष मादक नहीं होतीं; और इसीलिये उस पौधे का कोई उपयोग भी नहीं होता । पौधा प्रायः तीन हाथ ऊँचा होता है और पत्तियाँ किनारों पर कटावदार होती है । इस...
293)
भिलावाँ bhilāvām̐
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3660)
...एक प्रसिद्ध जंगली वृक्ष जो सारे उत्तरी भारत में आसाम से पंजाब तक और हिमालय की तराई में ३५०० फुट की ऊँचाई तक पाया जाता है । विशेष—इसके पत्ते गूमा के पत्तों के समान होते हैं । इसके तने को पाछने से एक प्रकार का रस निकलता है जिससे वार्निश बनता है । इसमें जामुन...
294)
भीम bhīma
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3664)
...अपनी जाँघ पर बैठाना चाहा था; उस समय इन्होंने प्रतिज्ञा की थी की मैं दुर्योधन की यह जाँघ तोड़ डालूँगा और दुःशासन से लड़कर उसका रक्तपान करूँगा । वनवास में इन्होने अनेक जंगली राक्षसों और असुरों को मारा था । अज्ञातवास के समय ये वल्लभ नाम से सूपकार वनकर विराट के घर में रहे थे । जब कीचक ने द्रौपदी से छेड़छाड़ की थी, तब उसे भी...
295)
भील bhīla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3665)
भील १ bhīla संज्ञा पुं॰ [सं॰ भिल्ल] [स्त्री॰ भीलनी] एक प्रसिद्ध जंगली जाति । भिल्ल । उ॰—चौदह वरष पाछे आए रघुनाथ नाथ साथ के जे मील कहैं आए प्रभु देखिए ।—प्रियादास (शब्द॰) ।
296)
भेड़िया bhēṛiyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3693)
...एक प्रसिद्ध जंगली मांसाहारी जंतू जो प्रायः सारे एशिया, यूरोप और उत्तर अमेरिका में पाया जाता है । २. सियार शृगाल । विशेष— यह प्रायः ३-३ । । हाथ लंबा होता है और जंगली कुत्तों से बहुत मिलता जुलता होता है । यह प्रायः बस्तियो के आस पास झुँड बाँधकर रहता है और गाँवों में...
297)
भैंस bhaiṃsa
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 486)
भैंस bhaiṃsa bhã̄ī˜s fc she-buffalo [जंगली wild, पालतू domestic]; ~ का दूध — milk; भैसों से हल चलवाना to plough with buffalos; भैंसें घास चर रही हैं —s are grazing grass- △ ~ के आगे बीन बजाना throwing...
298)
भ्रमरच्छली bhramaracchalī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3709)
भ्रमरच्छली bhramaracchalī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार का बहुत बड़ा जंगली वृक्ष । विशेष—इस वृक्ष के पत्ते बादाम के पत्तों के समान होते हैं जिसमें बहुत पतली पतली फलियाँ लगती हैं । इसकी लकड़ी सफेद रंग की और...
299)
मकोई makōī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3733)
मकोई makōī संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मकोय] जंगली मकोय जिसमें काँटे होते हैं । मकोचा । उ॰—झाँखर जहाँ सो छाड़हु पंथा । हिलगि मकोइ न फारहु कंथा ।—जायसी (शब्द॰) ।
300)
मकड़ी makaṛī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3730)
...हैं कि छोटे मोटे पक्षियों तक का शिकार कर लेती हैं । मकड़ीयाँ प्रायः उछलकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती हैं । इनकी कुछ प्रसिद्ध जातियों के नाम इस प्रकार हैं—जंगली मकड़ी, जल मकड़ी, राज- मकड़ी, कोष्टी मकड़ी, जहरी मकड़ी आदि । २. मकड़ी के विष के स्पर्श से शरीर में होनेवाले दाने, जिनमें जलन...
301)
मदग् madag
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3764)
...होते हैं । पूँछ काली, चोंच पीली और मुँह, कनपटी और गले के नीचे का भाग सफैद तथा पैर काले होते हैं । यह भारतवर्ष के प्रायः सभी भागों में, विशेषकर पहाड़ी और जंगली प्रदेशों में, होता है । वैद्यक में इसका मांस शीतल, वायुनाशक स्निग्ध और भेदक माना गया है । यह रक्तपित्त के विकारों को दूर करता हैं ।
302)
मदनमस्त madanamasta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3759)
मदनमस्त madanamasta संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मदन + मस्त] १. जंगली सूरन का सुखाया हुआ टुकड़ा जिसका प्रयोग औषध में होता है । २. चपे की जाती का एक प्रकार का फूल जिसकी गंध कटहल से मिलती जुलती पर बहुत उग्र तथा...
303)
मधुर madhura
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3769)
...मीठा रस । २. जीवक वृक्ष । ३. लाल ऊख । ४. गुड़ । ५. () । ६. स्कंद के एक सैनिक का नाम । ७. लोहा । ८. विष जहर । ९. काकोली । १०. जंगली बेर । ११. बादाम का पेड़ । १२. महुआ । १३. मठर ।
304)
मधुरीछ madhurīcha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3770)
मधुरीछ madhurīcha संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मधु + रीछ] दक्षिणी अमेरिका का एक जंगली जंतु । विशेष—ऊँचाई में यह जंतु बिल्ली या कुत्ते के बराबर और रूप में रीछ के समान होता है । यह जंतु...
307)
महारूख mahārūkha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3852)
...एक जंगली वृक्ष जो बहुत सुंदर होता है । विशेष—इस वृक्ष की लकड़ी से आरावशी सामान बनता है । इसकी छाल में सुगंधि होती है । मदरास और मध्यप्रदेश में यह अधिकता से पाया जाता है ।
310)
मांस māṃsa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3866)
...कुछ विशिष्ट पशुओं के शरीर का उक्त अंश जो प्रायः खाया जाता है । गोश्त । विशेष—हमारे यहाँ यह मांस दो प्रकार का माना गया है । जांगल और आनूप । जंघाल विलस्थ, गुहाशय, पर्णमृग, विप्किर, प्रतुद, प्रसह और ग्राम्य इन आठ प्रकार के जंगली जीवों का मांस जांगल कहलता है, और वैद्यक के अनुसार मधुरस, कषाय, रुक्ष...
311)
मांसरोहिणी māṃsarōhiṇī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3867)
मांसरोहिणी māṃsarōhiṇī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार का जंगली वृक्ष । विशेष—इसकी प्रत्येक डाली में खिरनी के पत्तों के आकार के सात सात पत्ते लगते हैं और इसके फल बहुत छोटे छोटे होते हैं । वैद्यक में इसे...
313)
मालू mālū
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3907)
मालू mālū संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की बेल जो बागों में शोभा के लिये लगाई जाती है । विशेष—प्रायः सारे भारत मं यह बेल जंगली दशा में पाई जाती है । साल के जंगलों में यह बहुत...
314)
माषपर्णी māṣaparṇī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3909)
माषपर्णी māṣaparṇī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वनमाष । जंगली उड़द । विशेष—वैद्यक में इसको वृष्य, बलकारक, शीतल और पुष्टिवर्धक माना है । पर्या॰—सिंहपुच्छी । क्रपिंप्रोक्ता । कृष्णवृंता । पांडु । लोमपर्णी ।
317)
मुरता muratā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3973)
मुरता muratā संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली झाड़ जो पूर्वी बंगाल और आसाम में होता है । इससे प्रायः चटाई वा सीतल- पाटी बनाई जाती है ।
319)
मुर्वा murvā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3977)
मुर्वा murvā संज्ञा पुं॰ [सं॰] मरूल या गोरचकरा नाम का जंगली पौधा जिससे प्राचीन काल मे प्रत्यंचा की रस्सी बनाई जाती थी । विशेष दे॰ 'गोरचकरा' ।
320)
मुश्क बिलाई muśka bilāī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3979)
मुश्क muśka, बिलाई bilāī संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ मुश्क + हिं॰ बिलाई (= बिल्ली)] एक प्रकार का जंगली बिलाव जिसके अंडकोशों का पसीना बहुत सुगंधित होता है । गंध बिलाव । विशेष
321)
मुसहर musahara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3983)
मुसहर musahara संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मूस ( = चूहा) + हर (प्रत्य॰)] एक प्रकार की जंगली जाति । विशेष—इस जाति का व्यवसाय जंगली जड़ी बूटी आदि बेचना है । कहने है, इस जाति के लोग...
324)
मृग mṛga
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4001)
...पशुमात्र, विशेषतः वन्य पशु । जंगली जानवर । २. हिरन । विशेष—मृग नौ प्रकार के कहे गए हैं—मसूरु, रोहित, न्यंकु, संबर, वभ्रुण, रुरु, शश, एण और हरिण । विशेष दे॰ 'हिरन' । ३. हाथियों की एक जाति जिसकी आँखें कुछ बड़ी होती है और गंडस्थल पर सफेद...
326)
मोगली mōgalī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4027)
मोगली १ mōgalī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली वृक्ष जो गुजरात में अधिकता से पाया जाता है और जिसकी छाल चमड़ा सिझाने के काम में आती है ।
328)
मड़ुआ maṛuā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 3748)
...बाजरे की जाति का एक प्रकार का कदन्न । विशेष—यह अन्न बहुत प्राचीन काल से भारत में बोया जाता है; और अबतक अनेक स्थानों में जंगली दशा में भी मिलता है । यह वर्षा ऋतु में खाद दी हुई भूमि में कभी कभी ज्वार के साथ और कभी कभी अकेला बोया जाता है; मैदानों में इसकी...
332)
रंगीरेटा raṅgīrēṭā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4088)
रंगीरेटा raṅgīrēṭā संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली वृक्ष जो दारजिलिंग में अधिकता से होता है । विशेष— इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और इमारत बनाने के काम में आती है । इससे मेज, कुरसी आदि भी...
334)
राजपूत rājapūta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4152)
...जातियों की संतान हैं और वे क्षत्रिय तथा आर्य नहीं हैं । परंतु अब यह बात प्रमाणित हो गई है कि राजपूत लोग क्षत्रिय तथा आर्य हैं । यह ठीक है कि कुछ जंगली जातियों के समान हूण आदि कुछ विदेशी जातियाँ भी राजपूतों में मिल गई हैं । रही शकों की वाता, सो वे भी आर्य ही थे, यद्यपि भारत के बाहर बसते थे । उनका मेल...
335)
रीठा rīṭhā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4182)
...एक बड़ा जंगली वृक्ष जो प्रायः बंगाल, मध्य प्रदेश, राजपूताने तथा दक्षिण भारत में पाया जाता है । यह देखने में बहुत सुंदर होता है । २. इस वृक्ष का फल जो वेर के बरावर होता है । विशेष—इसकी लोग सुखाकर रखते हैं । इसे पानी में भिगोकर मलने से फेन निकलता है जिससे कपड़े धोए...
336)
रेवंद rēvanda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4209)
रेवंद rēvanda संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] एक पहाड़ी पेड़ जो हिमालय पर ग्यारह बारह हजार फुट की ऊँचाई पर होता है । विशेष—काश्मीर, नैपाल, भूटान और सिक्किम के पहाड़ों में यह जंगली पेड़ पाया जाता है । इसकी उत्तम...
338)
लकड़बग्घा lakaṛabagghā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4228)
लकड़बग्घा lakaṛabagghā संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लकड़ी + बाध] एक मांसाहारी जंगली जंतु जो भेड़िए से कुछ बड़ा होता है । यह कुत्तों का मांस बहुत पसंद करता है । लग्बड़ ।
339)
लगना laganā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4236)
लगना २ laganā संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का जंगली मृग ।उ॰— हरिन रोझ लगना बन बसे । चीतर गोइन झाँख औ ससे ।—जायसी (शब्द॰) ।
341)
लपटौआँ lapaṭauām̐
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4257)
लपटौआँ १ lapaṭauām̐ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लपटना] एक प्रकार का जंगली तृण जिसकी बाल कपड़े में लिपट या फँस जाती है और कठिनता से छूटती है ।
343)
लामा lāmā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4284)
...एक छोटा मजबूत खुर होता है । इसके रोएँ बहुत मुलायम होते हैं और इसकी खाल का चरसा बहुत अच्छा होता है; इसीलिये कुत्तों की महायता से इसका शिकार किया जाता है । जब कोई इसे छेड़ता है तब यह उसपर थूक देता है, जिसका कुछ विपैला प्रभाव होता है । जंगली दशा में इसे 'ग्वाना' और पालतू दशा में 'लामा' कहते हैं ।
345)
वज्रमुष्टि vajramuṣṭi
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4359)
vajramuṣṭi संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. इंद्र । २. एक राक्षस का नाम । ३. जंगली सूरन । ४. वीर । क्षत्रिय । योद्धा (को॰) । ५. एक अस्त्र (को॰) । ६. वज्र के समान हाथ की बँधी हुई मुट्ठी (को॰) । ७. तीर चलाने के...
352)
वनचर vanacara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4365)
वनचर vanacara संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वन में भ्रमण करने या रहनेवाला । २. जंगली मनुष्य या प्राणी । ३. शरभ नामक वनजंतु ।
354)
वनज vanaja
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4365)
वनज vanaja संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वह जो वन (जंगल या पानी) में उत्पन्न हो । २. कमल । ३. मुस्तक । मोथा । ४. तुबुरु का फल । ५. जंगली बिजौरा नीबू । ६. बनकूलथी ।
359)
वनप vanapa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4365)
वनप vanapa संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. लकड़हारा । २. वनरक्षक । उ॰—बन जंगल की देखरेख करनेवाली (वनप), जंगली ओग बुझानेवाले (दावप)... । हिंनु॰ सभ्यता, पृ॰ ९८ ।
366)
वनव्रीहि vanavrīhi
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4366)
वनव्रीहि vanavrīhi संज्ञा पुं॰ [सं॰] तिन्नी नाम का जंगली अन्न । विशेष—यह अपने आप पैदा होता है और इसे अन्नों में नहीं गिना जाता । इसका व्यवहार फल के रूप में व्रतादि में होता है ।
374)
वनेचर vanēcara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4367)
वनेचर vanēcara संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वन में फिरनेवाला मनुष्य । वनचर । जंगली आदमी । २. यती । तपस्वी (को॰) । ३. जंगली पशु । जंगली जानवर (को॰) । ४. प्रेत । भूत । पिशाच (को॰) ।
377)
वन्य vanya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4367)
...जंगली । यौ॰—वन्य गज=वन्यद्विप । वन्यचर । वन्यद्विप=जंगली हाथी । वन्यपक्षी=वन के पक्षी । वन्यवृत्ति=जंगल में उत्पन्न पदार्थो से जीवननिर्वाह करनेवाला ।
378)
वन्य vanya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4367)
संज्ञा पुं॰ १. बनसूरन । २. क्षीर विदारी । ३. वाराही कंद । ४. शंख । ५. जंगली जानवर (को॰) । ६. जंगली पौधा (को॰) । ७. बंदर (को॰) । ८. जंगल में उत्पन्न होनेवाला फल (को॰) । ९त्वचा । छाल (को॰) ।
379)
वरक varaka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4371)
...गुरु के चरन अनंद जाय करि, अनुभव वरक उतारी ।— धरनी॰, पृ॰ ३ । २. नाव का आच्छादन । ३. बनमूँग । ४. काकुन । प्रियंगु । ५. जंगली बेर । झड़बेरी । ६. अभिलाषा । मनोरथ । इच्छा (को॰) । ७. घड़ी । घंटा (को॰) । ९. किसी स्त्री से विवाह की प्रार्थना करनेवाला व्यक्ति (को॰) ।
381)
वर्वर varvara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4387)
...नहीं कि इस जनपद के निवासी असभ्य समझे जाते थे और घृणा की द्दष्टि से देखे जाते थे । पीछे से दूर दूर तक की सभ्य जातियों में यह शब्द 'म्लेच्छ' और 'जंगली' का वाचक हुआ । प्राचीन युनानी अपनी जाति के लोगों के अतिरिक्त औरों को 'वर्वर' कहा करते थे । रोमनों में भी ऐसा ही था । ३...
383)
वहशत vahaśata
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4404)
...डरावनापन । मुहा॰—वहशत उछलना = (१) सनक होना । खब्त होना । (२) धुन होना । वहशत बरसना = (१) उदासी छाना । करुणा या दुःख का भाव प्रकट होना । रौनक न रेहना । (२) जंगलीपन प्रकट होना ।
384)
वहशी vahaśī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4404)
...जंगल में रहनेवाला । जंगली । उ॰ ये लोग भी एक किस्म के वहशी हैं, इनसे दुनियाँ के लोगों को किसी तरह का फायदा नहीं पहुँचता ।—श्रीनिवास ग्रं॰, पृ॰ १८ । २. जो पालतू न हो । जो आदमियों में रहना न जानता हो । ३. असभ्य । ४. भड़कनेवाला ।
386)
वानप्रस्थ vānaprastha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4423)
...पर और गार्हस्थ्य़ आश्रम से चत्त हट जाने पर मनुष्य इस आश्रम का अधिकारी होता है । इस आश्रम में प्रवेश करनेवाले को नगर, गाँव या बस्ती से अलग वन में रहना, जंगली फल खाना, और उन्हीं से पंचमहायज्ञादि करना चाहिए शय्या, वाहन, वस्त्र, पलंग आदि सब त्याग देना चाहिए । स्त्री को चाहे पुत्र के पास छोड़े, चाहे अपने साथ वन में ले जाय । जब...
388)
विंध्यचूलक vindhyacūlaka
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4443)
विंध्यचूलक vindhyacūlaka संज्ञा पुं॰ [सं॰ विन्द्यचूलक] विंध्य पर्वत के दक्षिण का प्रदेश । महाभारत के अनुसार यहाँ एक प्राचीन जंगली जाति बसती थी ।
389)
विकंकत vikaṅkata
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4445)
विकंकत vikaṅkata संज्ञा पुं॰ [सं॰ विकङ्कत] एक जंगली वृक्ष का नाम । यक्षादि में स्त्रुवा इसी का बनता था । विशेष—इसे कटाई, किंकिणी और बंज कहते हैं । इसके पत्ते छोटे छोटे और डालियों में काँटे होते...
391)
वीरंधर vīrandhara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4577)
वीरंधर vīrandhara संज्ञा पुं॰ [सं॰ वीरन्धर] १.मयूर । मोर । २. जंगली पशुओं के साथ होनेवाला युद्ध । ३. एक प्राचीन नदी का नाम । चमड़े का कंचुक या सदरी (को॰) ।
395)
वृक्षवासी vṛkṣavāsī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4585)
वृक्षवासी vṛkṣavāsī वि॰ [सं॰ वृक्षवासिन्] वृक्ष पर रहनेवाला । जंगली । उ॰—यक्ख अंगुलिमाल (बौद्धकाल) पहले एक वृक्षवासी नरभक्षक था, परवर्ती रूप में द्वारपाल हो गया ।—प्रा॰ भा॰ प॰ पृ॰ ८७ ।
397)
व्याध vyādha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4647)
...वह जो जंगली पशुओं आदि को मारकर अपना निर्वाह करता हो । शिकारी । २. प्राचीन काल की एक जाति जो जंगली पशुओं को मारकर अपना निर्वाह करती थी । ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसर इसकी उत्पत्ति सर्वस्वी माता और क्षत्रिय पिता से है । ३. प्राचीन काल की शबर नामक नीच जाति । ४. नीच या कमीना आदमी (को॰) ।
399)
शबर śabara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4689)
...दक्षिण में रहनेवाला एक जंगली या पहाड़ी जाति । २. जंगली । वहशी । ३. शूद्र तथा भोल से उत्पन्न संतान । ४. लोध नामक वृक्ष । ५. शिव । ६. हस्त । हाथ (को॰) । ७. मोमांसा के एक प्रसिद्ध आचार्य (को॰) । ८. जल (को॰) ।
401)
शरीफा śarīphā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4702)
...मझाले आकार का एक प्रकार का प्रसिद्ध फलवाला वृक्ष । विशेष—यह वृक्ष प्रायः सारे भारतवर्ष में फल के लिये लगाया जाता है और मध्य तथा पश्चिमी भारत के जंगली प्रेदशों में बहुत अधिकता से पाया जाता है । कहते है, यह वृक्ष वेस्ट- इंडीज से यहाँ आया है । इस वृक्ष की छाल पतली और खाकी रंग...
402)
शवर śavara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4709)
...एक पहाड़ी जंगली जाति । विशेष—इस जाति के लोग मोरपंख से अपने को सजाते हैं । ये लोग अब तक मध्यप्रदेश और हजारीबाग आदि जिलों में रहते और 'सौर' कहलाते हैं । २. शव । ३. जल ।
403)
शहद śahada
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 610)
शहद śahada shahad mu honey [असली genuine, जंगली wild, दानेदार crystallized]; ~ का छत्ता — comb; ~ की मक्खी (—) bee; ~ की तरह मीठा as sweet as —; ~ मधुमक्खियाँ बनाती हैं bees make —; ~ निकालना to extract —; △ ~ लगाकर चाटना
406)
शिकार śikāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4739)
शिकार śikāra संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] १. जंगली पशुओं को मारने का कार्य या क्रीड़ा । आखेट । मृगया । अहेर । जैसे,—शेर का शिकार । क्रि॰ प्र॰—करना । होना । २...
407)
शिकारी śikārī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4739)
...शिकार करनेवाला । जंगली पशुओं को पकड़ने या मारनेवाला । जैसे,—शिकारी कुत्ता । २. शिकार में काम आनेवाला । जैसे,—शिकारी कोट । शिकारी खेमा । मुहा॰—शिकारी ब्याह = गंधर्व विवाह जो क्षत्रियों में अबतक कहीं कहीं होता है ।
409)
शिगूड़ी śigūṛī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4743)
शिगूड़ी śigūṛī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली क्षुप या पौधा जो दवा के काम में आता है । विशेष—यह वनस्पति चरपरी, गरम तथा वात और पृष्ठशूल का नाश करनेवाली तथा दूसरी ओषधियों के योग से रसायन और...
410)
शिरियारी śiriyārī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4747)
शिरियारी śiriyārī संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक जंगली बूटी या शाक जो औषध के काम में आता है । सुसना । सुनिषण्णक । विशेष—यह जंगली शाक हर जगह होता है । इसमें चंगेरी के समान एक साथ चार चार पत्ते होते...
417)
शृगाल śṛgāla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4787)
...गीदड़ नामक जंगली जंतु । सियार । जंबुक । विशेष दे॰ 'गीदड़' । उ॰—व्याघ्र कुरंग शृगाल शशादी । कानन नर बानर चित्तादी ।—सबल (शब्द॰) । २. एक दैत्य का नाम । ३. वासुदेव । कृष्ण ।
426)
सतावर satāvara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4927)
...काँटे होते हैं । पत्तियाँ सोए की पत्तियों की सी होती हैं और उनमें एक प्रकार की क्षारयुक्त गंध होती है । फूल इसके सफेद होते हैं और गुच्छे में लगते हैं । फल जंगली बेर के समान होते हैं ओर पकने पर लाल रंग के हो जाते हैं । प्रत्येक फल में एक या दो बीज होते हैं । इसकी जड़ बहुत पुष्टिकारक और वीर्यवर्धक मानी जाती है...
427)
सत्ता sattā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4929)
...अधिकार । प्रभुत्व । हुकूमत । (मराठी से गृहीत) । मुहा॰—सत्ता चलाना = अधिकार जताना । हुकूमत करना । उ॰—जो लोग असभ्य है, जंगली है उनपर सत्ता चलाने (हुकूमत करने) में अनिबंध शासन अच्छा होता है ।—महावीर-—प्रसाद द्विवेदी (शब्द॰) ।
429)
सरवन saravana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 4995)
...दशरथ राम के बन जाने के शोक में प्राण त्याग कर रहे थे । दशरथ ने कौशल्या से अंधक मुनि के शाप की कथा इस प्रकार की थी — एक बार दशरथ ने जंगली हाथी के धोखे में सरयू नदी के किनारे जल लेते हुए एक तापस कुमार पर बाण चला दिया । जब वे पास गए तब तापस कुमार ने बतलाया कि मैं अंधे माता पिता...
430)
सरिवन sarivana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5000)
...nbsp; विशेष—यह क्षुप जाति की वनौषधि है और भारत के प्रायः सभी प्रांतों में होती है । इसकी ऊँचाई तीन चार फुट होती है । यह जंगली झाड़ियों में पाई जाती है । इसका कांड सीधा और पतला होता है । पत्ते बेल के पत्तों की भाँति एक सींके में तीन तीन होते हैं । ग्रीष्म ऋतु को छोड़ प्रायः सभी ऋतुओं...
431)
सरीफा sarīphā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5001)
...गूदा बहुत मीठा होता है । इस फल में बीज अधिक होते हैं । सरीफा गरमी के दिनों में फूलता है और कातिक अगहन तक फल पकते हैं । विंध्य पर्वत पर बहुत से स्थानों में यह आप से आप उगता है । वहाँ इसके जंगल के जंगल खड़े हैं । जंगली सरीफे के फल छोटे होते हैं और उनमें गूदा बहुत कम होता है ।
433)
सहरा saharā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5029)
...चटियल मैदान । रेगिस्तान । मरुभूमि । यौ॰—सहरा आजम = अफ्रीका की विशाल मरुभूमि और जंगल । सहरागर्द = वनेचर । काननचारी । सहरागर्दी = बन परिभ्रमण । वनचर होना । वनेचरत्व । सहरानशी = (१) जंगल का निवासी । जंगली । (२) तपसी ।
436)
सहोर sahōra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5036)
सहोर १ sahōra संज्ञा पुं॰ [सं॰ शाखोट] एक प्रकार का वृक्ष । सिहोर । शाखोट । विशेष—इसका वृक्ष प्रायः जंगली प्रदेशों में होता है और विशेषतः शुष्क भूमि में अधिक उत्पन्न होता है...
437)
साँड़ा sām̐ṛā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5044)
साँड़ा sām̐ṛā संज्ञा पुं॰ [हिं॰ साँड़] छिपकली की जाति का पर आकार में उससे कुछ बड़ा एक प्रकार का जंगली जानवर । इसकी चरबी निकाली जाती है जो दवा के काम में आती है ।
438)
सारवाला sāravālā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5084)
सारवाला sāravālā संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की जंगली घास जो तर जगहों में होती है । विशेष—यह घास प्रायः बारह वर्ष तक सुरक्षित रहती है । मुलायम होने पर पशुओं को खिलाई जाती है ।
440)
सिंह siṃha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5105)
...बिल्ली की जाति का सबसे बलवान् पराक्रमी और भव्य जंगली जंतु जिसके नर वर्ग की गरदन पर बड़े बड़े बाल या केसर होते हैं । शेर बबर । विशेष—यह जंतु अब संसार में बहुत कम स्थानों में रह गया हैं । भारतवर्ष के जंगलों में किसी समय सर्वत्र सिंह पाए जाते थे, पर अब कहीं नहीं रह...
442)
सिंहमुखी siṃhamukhī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5106)
सिंहमुखी siṃhamukhī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. बाँस । २. अडूसा । वासक । ३. बन उरद । जंगली उड़द । ४. खारी मिट्टी । ५. कृष्ण निर्गुंडी । काला सँभालू ।
444)
सियाहगोश siyāhagōśa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5127)
...बिल्ली की जाति का एक जंगली जानवर । बनबिलाव । विशेष—इसके अंग लंबे होते हैं, पूँछ पर बालों का गुच्छा होता है और रंग भूरा होता है । खोपड़ी छोटी और दाँत लंबे होते हैं । कान बाहर की ओर काले और भीतर की ओर सफेद होते हैं । इसकी लंबाई प्रायः ४० इंच होती है । यह...
445)
सुंदरी sundarī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5151)
...एक प्रकार का बड़ा जंगली पेड़ । विशेष—यह पेड़ सुंदर वन में बहुत होता है । इसकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है और नाव, संदूक, मेज, कुरसी आदि सामान बनाने के काम में आती और इमारतों में भी लगती है । यह पेड़ खारे पानी के पास ही उग सकता है; मीठा पानी पाने से सूख जाता...
447)
सुगम्य sugamya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5166)
सुगम्य sugamya वि॰ [सं॰] १. जिसमें सहज में प्रवेश हो सके । सरलता से जाने योग्य । जैसे,—जंगली और पहाड़ी प्रदेश, उतने सुगम्य नहीं होते, जितने खुले मैदान होते हैं । २. दे॰ 'सुगम'
449)
सुमुख sumukha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5201)
...वनबबरी । जंगली बर्खरी । १६. श्वेत तुलसी ।१७. सुंदर मुख ।१३. एक प्रकार का भवन ( को॰) ।१४. नख की खरोंच । नखक्षत (को॰) ।
451)
सुरागाय surāgāya
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5213)
सुरागाय surāgāya संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सुर + गाय] एक प्रकार को दोनस्ली गाय जिसकी पूंछ गुप्फेदार होती है और जिससे चँवर बनता है । चमरी गाय । विशेष— यह प्रकार के जंगली साँड — जो तिब्बत और...
453)
सुलभा sulabhā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5219)
सुलभा sulabhā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. वैदिक काल की एक ब्रह्मवादिनी स्त्री का नाम (गृह्मसुत्र) । २. तुलसी । ३. मषवन । जंगली उड़द । मांसपर्णी । ४. तमाकू । धूम्रपत्रा । ५. बेला । वार्षिकी मल्लिका ।
454)
सूअर sūara
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5238)
...एक प्रसिद्ध स्तन्यपायी वन्य जंतु । वराह । शूकर । विशेष—यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है । (१) वन्य या जंगली और (२) ग्राम्य या पालतू । ग्राम्य सूअर घास आदि के सिवा विष्ठा भी खाता है, पर जंगली सूअर घास और कंद मूल आदि ही खाता है । यह ग्राम्य शूकर की अपेक्षा बहुत...
456)
सूक्ष्मपत्र sūkṣmapatra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5240)
१. धनिया । धन्याक । २. काली जीरी । वनजीरक । ३. देवसर्षप । ४. छोटा बैर । लघु बदरी । ५. माचीपत्र । सुरपर्ण । ६. जंगली बर्बरी । वन बर्बरी । ७. लाल ऊख । लोहितेक्षु । ८. कुकरौंदा । कुकुंदर । ९. कीकर । बबूल । १०. धमासा । मुरालभा । ११. उड़द । माष । १२
458)
सूरन sūrana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5256)
...बंगाल में अधिक होता हा । इसके पौधे २ से ४ हाथ तक के होते हैं । पत्तों में बहुत से कटाव होते हैं । इसके दो भेद हैं । सूरन जंगली भी होता है जो खाने योग्य नहीं होता और बेतरह कटैला होता है । खेत के सूरन की तरकारी, अचार आदि बनते हैं जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं । वैद्यक में यह...
459)
सेब sēba
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5274)
...में भी हिमालय प्रदेश (काश्मीर, कुमाऊँ, गढ़वाल, काँगड़ा आदि); पंजाब आदि में लगाया जाता है; और अब सिंध, मध्य- भारत और दक्षिण तक फैल गया है । काश्मीर में कहीं कहीं यह जंगली भी देखा जाता है । इसके पत्ते कुछ कुछ गोल और पीछे की ओर कुछ सफेदी लिए और रोई दार होते हैं । फूल सफेद रंग के होते हैं जिन पर लाल लाल छींटे...
460)
सेव्या sēvyā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5280)
सेव्या sēvyā संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. बंदा या बाँदा नामक पौधा जो दूसरे पेड़ों के ऊपर उगता है । बंदाक । २. आँवला । आमलकी । ३. एक प्रकार का जंगली अनाज या धान ।
461)
सोखन sōkhana
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5291)
सोखन १ sōkhana संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. स्याही लिए सफेद रंग का बैल । २. एक प्रकार का जंगली धान जो नदी की घाटी मैं बलुई जमीन में बोया जाता है ।
462)
सोनहा sōnahā
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5297)
...कुत्ते की जाति का एक छोटा जंगली जानवर । विशेष— यह जानवर झुंड में रहता है और बड़ा हिंसक होता है । यह शेर को भी मार डालता है । कहते हैं, जहाँ यह रहता है, वहाँ शेर नहीं रहते । इसे 'कोगी' भी कहते हैं । उ॰— डाइन डारे सोनहा डोरे सिंह रहे वन घेरे । पाँच कुटुंब मिलि जूझन...
463)
सौँफ saum̐pha
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5315)
...सौँफ की तरह का एक प्रकार का जंगली पौधा जो कश्मीर में अधिकता से पाया जाता है । विशेष—इस पौधे की पत्तियाँ और फूल सौँफ के समान ही होते है । फल झुमकों में चौथाई से तीन चौथाई इंच तक के घेरे में होते हैं । बीज गोल और कुछ चिपटे से होते हैं । हकीम लोग इसका...
466)
स्थूलकंद sthūlakanda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5355)
स्थूलकंद १ sthūlakanda संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्थूलकन्द] १. लाल लहसुन । २. जमीकंद । सूरन । ओल । ३. जंगली सूरन । बनओल । ४. हाथीकंद । ५. मानकंद । ६. मंडपारोह । मुखालु ।
467)
स्पश spaśa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5364)
स्पश spaśa संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. चर । दूत । २. युद्ध । लड़ाई । ३. पुरस्कार के लोभ से जंगली जानवरों से लड़नेवाला या इस प्रकार की लड़ाई [को॰] ।
468)
स्वच्छंद svacchanda
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5383)
...अपने इच्छ नुसार चलनेवाला । मनमाना काम करनेवाला । निरंकुश । ३. (जंगलों आदि में) अपने आपसे होनेवाला । जंगली (पौधा या वनस्पति) ।
470)
हरसिंगार harasiṅgāra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5453)
...किनारों पर कुछ कटावदार होती हैं । पतली नोंक कुछ दूर तक निकली होत है । यह पेड़ फूलों के लिये बगीचों में लगाया जाता है और विंध्य पर्वत के कई स्थानों पर जंगली होता है । यह शरद् ऋतु में कुआर से अगहन तक फूलता है । फूल में छोटे छोटे पाँच दल और नारंगी रंग की लंबी पोली डाँडी होती है । फूल पेड़ में बहुत काल...
471)
हस्तिबंधनी hastibandhanī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5482)
हस्तिबंधनी hastibandhanī संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ हस्तिबन्धनी] कौटिल्य अर्थशास्त्रानुसार वह सिखाई हुई हथिनी जो जंगली हाथियों को फँसाकर बंधन में डालती है [को॰] ।
472)
हाथी hāthī
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5494)
...वर्ष से अधिक जीते हैं । जंगली और भी अधिक जीते होंगे । हिंदुस्तान में हाथी रखने की रीति अत्यंत प्राचीन काल से है । प्राचीन समय में राजाओं के पास हाथियों की भी बड़ी बड़ी सेनाएँ रहती थीं जो शत्रु के दल में घुसकर भयंकर संहार करती थीं । हाथी रखना अमीरी का बड़ा भारी चिह्न समझा जाता है । अफ्रिका के जंगली इसका मांस भी खाते हैं...
474)
हिंगोट hiṅgōṭa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5503)
हिंगोट hiṅgōṭa संज्ञा पुं॰ [सं॰ हिङ्गुपत्र, प्रा॰ हिंगुवत्त] एक झाड़दार कँटीला जंगली पेड़ । इंगुदी । विशेष—यह पेड़ मझोले आकार का होता है और इसकी इधर उधर सीधी निकली हुई टहनियाँ गोल गोल और...
475)
हिंताल hintāla
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5504)
हिंताल hintāla संज्ञा पुं॰ [सं॰ हिन्ताल] एक प्रकार का जंगली खजूर जिसकी पेड़ छोटे छोटे—जमीन से दो तीन हाथ ऊँचे- होते हैं । उ॰—शाल ताल हिंताल वर सोभित तरुन तमाल ।— श्यामा॰, पृ॰ ३९ ।
478)
हिंस्त्र hiṃstra
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5507)
...खूँखार पशु । जंगली जानवर । हिंसा करनेवाला जानवर । २. विनाश करनेवाला व्यक्ति । ३. शिव । ४. भीम । ५. वह व्यक्ति जो जीवित प्राणियों को कष्ट पहुँचाने में सुख का अनुभव करे । ६. क्रूरता । निर्दयता [को॰] ।
480)
हिरन hirana
from
Bahri: Learners' Hindi-English dictionary
(
p. 703)
हिरन hirana hiran mc deer [छोटा tiny/ young, जंगली wild, निरीह innocent, पालतू domestic, सुंदर beautiful]; हिरनों का झुंड a herd of deer; पार्क में कई ~ थे there were several — in the...
481)
हुंकृत huṅkṛta
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5529)
हुंकृत huṅkṛta संज्ञा पुं॰ [सं॰ हुङ्कृत] १. गाय आदि के रँभाने का शब्द । २. बिजली की गड़गड़ाहट । ३. जंगली सूअर की गुर्राहट या गर्जन । ४. ललकार । दपट । हुंकार [को॰] ।
483)
हूश hūśa
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5541)
हूश २ hūśa संज्ञा पुं॰ असंस्कृत या असभ्यजन । अशिष्ट व्यक्ति । जंगली आदमी । उ॰—वे इसे हूशों की जबान बतलाते हैं ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ९३ ।
484)
हैवान haivāna
from
Dasa: Hindi sabdasagara
(
p. 5559)
...वनपशु । जंगली जानवर (को॰) । ३. प्राणयुक्त । जीव- धारी । प्राणी (को॰) । ४. जड़ मनुष्य । बेवकूफ या गँबार आदमी । उजड्ड आदमी । उ॰—बुद्धिहीनं सुद्धिहीनं हौं अजान हैवान ।—जग॰ बानी, पृ॰ ५ ।